भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय में महिला-बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए कहा है कि कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की निगरानी और बेहतर परिणामों की सतत् समीक्षा की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नौनिहालों का जीवन सुरक्षित हो, वे स्वस्थ्य रहें, यह एक बहुत बड़ी जवाबदेही महिला-बाल विकास पर है। उन्होंने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होगी, तभी हम प्रदेश के समग्र विकास का सपना पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुपोषित और अति-कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार की उपलब्धता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी बैठक में उपस्थित थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा निगरानी तंत्र विकसित किया जाए, जिससे किसी भी स्तर पर कोई भी कोताही नहीं हो सके। कमल नाथ ने इस कार्य में जिला एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी जोड़ने को कहा । उन्होंने कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में सतत् रूप से कुपोषित बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता की जाँच करें। मुख्यमंत्री ने किराए के भवनों में लगने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध रिक्त शासकीय भवनों में स्थानान्तरित करने के प्रस्तावों पर विचार करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास ने बैठक में विभागीय गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों से दी जाने वाली सेवाओं की निगरानी के लिए सम्पर्क एप बनाया गया है। व्हाट्स एप नम्बर 8305101188 के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी सेवा में कमी होने पर शिकायत कर सकता है, जिसका तत्काल निराकरण किया जाता है। उन्होंने बताया कि कुपोषण बाहुल्य क्षेत्रों में कुपोषण दूर करने के लिए सोया मिल्क, सोया पंजीरी ओर सोया पाउडर वितरित करना प्रस्तावित है। अति कम वजन के बच्चों वाले गाँवों में आंगनबाड़ी केन्द्र का डे-केयर सेंटर संचालित करने तथा आयुष विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों में ऐसे बच्चों का आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार करने की योजना है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में विद्युत प्रदाय के लिए ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से सोलर पैनल लगाने की योजना भी है।