रांची
बीजेपी की झारखंड यूनिट में अंदरखाने चल रहे मतभेद की ओर इशारा करते हुए निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पार्टी विधानसभा चुनाव कुछ गद्दारों और उनके खिलाफ चलाए गए दुर्भावनापू्र्ण अभियान की वजह से हारी है।
रघुवर दास ने बुधवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, 'जयचंद हर जगह मौजूद हैं और हमारी पार्टी कुछ जयचंदों की वजह हारी है। कभी-कभी षड्यंत्र सफल हो जाता है, लेकिन षड्यंत्र से हासिल सफलता लंबे समय के लिए नहीं टिकती है। मैंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है और संषर्ष से आपको ताकत मिलती है।'
हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी में भारी असंतोष देखने को मिला था और पार्टी की हार की यह एक महत्वपू्र्ण वजह मानी जा रही है। बीजेपी को 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में 25 सीटों पर जीत मिली, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महगठबंधन को 47 सीटों पर सफलता मिली।
रघुवर दास खुद भी अपने मंत्री सरयू राय के खिलाफ चुनाव हार गए, जो जमशेदपुर पश्चिम से टिकट न मिलने पर उनके खिलाफ निर्दलीय मैदान में कूद पड़े थे। रघुवर दास 1995 से लगातार जमशेदपुर पूर्व सीट से विधायक रहे थे।
वर्ष 2000 में झारखंड के गठन के बाद यहां के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री बनने वाले दास ने कहा, 'वे मुझ में कोई गलती नहीं निकाल पाए तो मुझे घमंडी और गु्स्सैल प्रचारित करके मेरे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया। वे कहते हैं कि मैं छत्तीसगढ़ी हूं। यह सच है कि मेरी जड़ें वहां हैं, लेकिन मैं पैदा यहां हुआ हूं।'
रघुवर दास ने कहा, 'मेरे परिवार पर निशाना साधा गया। इन सबसे मेरे परिवार का क्या लेना-देना है? चुनाव मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए न कि निजी हमले करके।' उन्होंने आगे कहा, 'सत्ता आती है और जाती है। यही प्रजातंत्र की खूबसूरती है। अटल बिहारी वाजपेयी ने हमलोगों को यही सिखाया है। हम देश, पार्टी और राज्य के लिए काम करते रहेंगे।'