कीटो डायट वेट लॉस के सबसे कारगर तरीकों में से एक है। यह सबसे कठिन डायट प्लान्स में से भी एक है। कीटो डायट में खाने में कार्ब की मात्रा कम से कम रखनी होती है। जब शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो जाती है तो शरीर फैट बर्न करता है। इस आप जल्दी फैट लूज कर सकते हैं। हालांकि, कीटो डायट जितना कारगर है, उतना ही इसके साइडइफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। इनमें से सबसे कॉमन प्रॉब्लम है कीटो रैश।
कीटो डायट में खाने पीने की कई चीजें पूरी तरह छोड़ देनी होती हैं। इसकी वजह से भले ही वजन कम हो जाए लेकिन कई नई समस्याएं आ जाती हैं। चक्कर आना, किडनी पर असर, इलेक्ट्रोलाइट की कमी और रैश जैसी समस्या अकसर देखने को मिलती है। इन दिनों जितनी चर्चा कीटो डायट की है उतनी ही कीटो रैश की भी। आइए, आपको इसके बारे में बताते हैं।
कीटो रैश में स्किन पर लाल दाने और खुजली होने लगती है। यह एक तरह का डर्मेटाइटिस है। यह एशियाई महिलाओं में ज्यादा देखा जा रहा है। इसमें पीठ के ऊपर, गर्दन पर, छाती और पेट में दाने होते हैं। ठीक होने के बाद ये काले निशान छोड़ जाते हैं।
कैसे बचें?
चूंकि यह समस्या कीटोसिस की वजह से हुई है, ऐसे में कार्बोहाइड्रेट सप्लाई इसमें कुछ आराम दे सकते हैं। ऐसे में आपको अब कार्ब रिच डायट लेना शुरू कर देना चाहिए।
डायट रेस्ट्रिक्शन की वजह से शरीर में विटमिन की कमी हो जाती है। इस वजह से भी रैशेज होते हैं। खासकर, विटमिन ए, विटमिन बी-12, विटमिन सी की आपको तुरंत पूर्ति करनी चाहिए।
कीटो डायट में लो कार्ब हाई फैट फूड खाते हैं। इस डायट में अकसर दूध, दही, पनीर जैसी चीजों की मात्रा ज्यादा होती है। कई लोगों को इन चीजों से ऐलर्जी होती है और रैशेज हो जाते हैं। अगर आपको रैशेज हो रहे हैं तो आपको यह समझना होगा कि कहीं आपको इन चीजों से ऐलर्जी तो नहीं।
अगर आप कीटो डायट फॉलो कर रहे हैं तो आपको अपनी स्किन का खास ख्याल रखने की जरूरत है। जेंटल सोप्स का इस्तेमाल और गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।