धान आदि खरीफ फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की हों उत्कृष्ट व्यवस्थाएं
भोपाल. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान आदि फसलों की समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी के लिए उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की जाएं। इस बार मध्यप्रदेश ने गेहूं उपार्जन में पूरे देश में आदर्श स्थापित किया है। खरीफ फसलों के उपार्जन में भी किसी प्रकार की कोई कमी न रहे। किसानों को अपनी फसलों को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए।
कोविड संकट के चलते खरीदी केन्द्रों पर सभी आवश्यक सावधानियां सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री चौहान ने खरीफ उपार्जन संबंधी बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचिव मनोज गोविल, मार्कफेड के प्रबंध संचालक पी.नरहरि आदि मौजूद रहे।
किसानों का पंजीयन शुरू, 15 अक्टूबर तक चलेगा
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि धान, ज्वार एवं बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए इस वर्ष अभी तक 1395 पंजीयन केन्द्र बनाए गए हैं। इन पर पंजीयन का कार्य शुरू हो गया है, जो 15 अक्टूबर तक चलेगा। पंजीयन के प्रारंभिक दो दिन में 9 हजार 142 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। गत वर्ष 975 उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे, जिनकी संख्या बढ़ाकर इस बार 1500 की जा रही है। कॉटन के लिए पंजीयन का कार्य कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा शुरू किया गया है।
75 हजार एमटी ज्वार एवं बाजरा की संभावित खरीदी का लक्ष्य
इस खरीफ विपणन वर्ष में प्रदेश में 75 हजार एमटी ज्वार एवं बाजरा की समर्थन मूल्य पर संभावित खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 60 हजार मीट्रिक टन बाजरा तथा 15 हजार मीट्रिक टन ज्वार के उपार्जन का लक्ष्य संभावित है। इस संबंध में भारत सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली गई है। इस बार ज्वार का समर्थन मूल्य 2620 रुपए प्रति क्विंटल तथा बाजरे का समर्थन मूल्य 2150 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। गत वर्ष यह क्रमश: 2550 रुपए तथा 2000 रुपए प्रति क्विंटल था। ज्वार का बोया गया रकबा 1.13 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का बोया रकबा 3.73 लाख हेक्टेयर है।
40 लाख एमटी धान खरीदी का संभावित लक्ष्य
खरीफ विपणन वर्ष में प्रदेश में 40 लाख एमटी धान की संभावित खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। धान का समर्थन मूल्य इस बार 1868 रुपए प्रति क्विंटल है, जो गत वर्ष 1825 रुपए था। इस बार प्रदेश में धान का बोया गया रकबा 34.25 लाख हेक्टेयर है। धान के उपार्जन की संभावित अवधि 1 नवम्बर से 15 फरवरी तक होगी।
इस बार धान के लिए पीपी बैग्स की भी अनुमति
कोरोना काल में जूट बारदानों की कमी के चलते इस बार धान उपार्जन के लिए पीपी बैग्स की अनुमति भी दी गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि पर्याप्त पीपी बैग्स की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे खरीदी कार्य में विलंब न हो। उन्होंने भंडारण की भी पर्याप्त व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। इस संबंध में कैब निर्माण आदि का कार्य अभी से शुरू कर दिया जाए।
धान का उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम तथा विपणन संघ द्वारा
इस बार प्रदेश के 19 जिलों में धान का उपार्जन मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम तथा 33 जिलों में मध्यप्रदेश विपणन संघ द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार मोटे अनाज का उपार्जन सभी जिलों में मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाएगा। बारदाने की व्यवस्था नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा की जाएगी।