छत्तीसगढ़

किसान क्रेडिट कार्ड से पशुपालन एवं मत्स्यपालन में मिलेगा ऋण

    नारायणपुर

किसान क्रेडिट कार्ड के जारिए भारत सरकार कृषि प्रक्षेत्र से जुड़ें किसानों को सस्तें दर पर संस्थागत ऋण उपलब्ध कराती है। इससे न सिर्फ उत्पादों को बढ़ाने में मदद मिलती हैै। इसके साथ ही कृषि उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होती है। किसान क्रेडिट कार्ड को समय-समय पर परिवर्तन कर किसानों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाया गया है। वर्ष 2019-20 से किसान क्रेडिट कार्ड को पशुपालन एवं मत्स्य पालन से भी जोड़ दिया गया है। ताकि किसान अब पशुपालन एवं मत्स्य पालन जैसे कार्य के लिए आसानी से ऋण ले सकें।
  

  किसान क्रेडिट कार्ड वाणिज्यिक बैंको, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों पर जाकर बनावाया जा सकता है। अब किसानों को केसीसी की सुविधा पशुपालन, (गौ पालन, बकरीपालन , सूकरपालन) मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, झिंगापालन अन्य जल जीवों, मछली पकड़ने संबंधी अल्पावधि ऋण आवश्यकताओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा का उपयोग कर सकते है ।
   

बशर्ते लाभार्थियों के पास तालाब, पोखर, जलाशय, रेसवे, हैचरी, पालन ईकाई जैसे मत्स्य व्यवसाय संबंधी गतिविधियों और अन्य राज्य विशिष्ट मत्स्य व्यवसाय के लिए स्वयं की जमीन या पटटे पर ली गई जमीन व इनके लिए मछली पालन और आवश्यक लाईसेंस होना चाहिए। इसी प्रकार मुर्गी पालन आदि के लिए किसान मुर्गीपालन करने वाले किसान व्यक्ति या संयुक्त उधारकर्ता, भेड़/ बकरी/ सुअर/ मुर्गीपालन/ पक्षी/खरगोश पालन करने वाले काश्तकार किसानों सहित संयुक्त देयता समूह अथवा स्वयं सहायता समहू जिनके स्वयं के किराए/ लिज पर लिए गए शेड हो। वे भी ऋण ले सकते है।
   

यहां बतादें कि गौपालन, बकरी पालन एवं सूकर पालन हेतु ऋण का निर्धारण जिला स्तरीय तकनीकी समूह द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही ऋण का निर्धारण प्रति हेक्टेयर/ प्रति ईकाई आदि पशुओं की दूध देने की क्षमता आदि के आधार पर होगा। केन्द्र सरकार द्वारा पशुपालन एवं मत्स्य पालन करने वाले किसानों को जारी किसान केडिट कार्ड हेतु ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। दो लाख रूपए तक की सीमा के अन्तर्गत वितरित किसान क्रेडिट कार्ड ( पशुपालक/मत्स्य पालक ) किसानों को अनुदान की पात्रता होगी। जिसमें 7 प्रतिशत वार्षिक रियायती ब्याज दर पर ऋण वितरण करने पर दो प्रतिशत का अनुदान वित्तदायी बैंकों को दिया जाता है एवं ऋण की अदायगी तारीख के भीतर करने पर 3 प्रतिशत ब्याज दर में अनुदान सहायता दी जाती है। यह योजना अभी 2018-19 एवं 2019-2020 हेतु उपलब्ध होगी।
   

राज्य शासन द्वारा जारी ब्याज अनुदान के नियमानुसार राज्य शासन से भी ब्याज अनुदान की सहायता ऐसे केसीसी धारकों को उपलब्ध करायी जाती है, गौपालन के लिए रूपए 2 लाख की सीमा तक 1 प्रतिशत ब्याज, रूपये 2 लाख से रूपए 3 लाख तक की सीमा तक 3 प्रति ब्याज। इसी प्रकार मत्स्य पालन के लिए रूपए 1 लाख की सीमा तक 1 प्रतिशत ब्याज और रूपए 1 लाख से 3 लाख की सीमा तक 3 प्रतिशत ब्याज है। गौरतलब ऐसे किसानों को केन्द्र शासन से मिलने वाले ब्याज अनुदान को कम कर राज्य शासन से अनुदान प्राप्त किया जा सकेगा । 

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