कानपुर
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कानपुर के यतीमखाना और बाबूपुरवा में बवाल को दिल्ली व लखनऊ से आए उपद्रवियों ने भड़काया था। इसके बाद सभी भाग गए थे। पुलिस को इसकी अहम जानकारी मिली है। बवाल की पूरी रूपरेखा दिल्ली व लखनऊ में बैठककर बनाई गई थी। दिल्ली, लखनऊ और कानपुर में बवाल की पूरी योजना एक साथ बनाई गई थी। उपद्रव फैलाने के लिए दिल्ली और लखनऊ से उपद्रवियों व पत्थरबाजों को भेजा गया था। सभी कानपुर में बवाल करके वापस लौट गए। पुलिस को उपद्रवियों के कानपुर से लखनऊ व दिल्ली आने-जाने के अहम सबूत मिले हैं। पुलिस उपद्रवियों को पकड़ने के बाद इसकी पुष्टि करेगी। अफसरों के मुताबिक दिल्ली की जामा मस्जिद और लखनऊ में बवाल भड़कते ही कानपुर में भी पूरी तैयारी कर ली गई थी। उसी के मुताबिक कानपुर में बवाल किया गया। दिल्ली, लखनऊ और कानपुर में एक ही तरह से बवाल को भड़काया गया।
दिल्ली-लखनऊ भेजे गए फुटेज: लखनऊ पुलिस को फुटेज भेजकर बवाल कराने वालों की पहचान करा रही है। दोनों जगह की पुलिस को फुटेज सोशल मीडिया के जरिए भेजे गए हैं। पुलिस के मुताबिक लखनऊ, दिल्ली और कानपुर में बवाल भड़काने वाले उपद्रवी एक ही है।
डाटा फिल्टर से आने व जाने की पुष्टि हुई: पुलिस ने डाटा फिल्टर के जरिए कई हजार नंबरों को छांटा है। यह सभी मोबाइल वाले दिल्ली व लखनऊ से कानपुर आकर बवाल वाले दिन ही रात में लौट गए। बवाल के पहले भी सभी के कानपुर आने की पुष्टि हुई है। ऐसे में सभी के मोबाइल नंबर को छांटा जा रहा है।
पत्थर चलाने में माहिर लोगों को भेजा: बवाल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले पीएफआई और ओवैसी की पार्टी का अहम रोल सामने आया है। बम बनाने और पत्थर चलाने में माहिर लोगों को कानपुर भेजा गया था। उन्होंने मौके पर ही पेट्रोल बम बनाकर पुलिस पर हमला किया था।
एडीजी कानपुर जोन के प्रेम प्रकाश ने कहा कि बवाल करने वालों के दिल्ली व लखनऊ से आने की अहम जानकारी मिली है। उपद्रव को भड़काने के लिए लोगों को भेजा गया था। उनके लगातार आने और जाने की पूरी सूचना है। जांच रिपोर्ट और बवालियों के गिरफ्तार होने पर पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।