भोपाल
प्रदेश की जनता को वचन देकर सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार अगले महीने एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। साल भर में कितने वचन निभाए, इसका हिसाब सरकार जनवरी में रख सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोपनीय तौर पर सभी विभाग प्रमुख एवं विभागीय मंत्रियों को इसके संकेत भी दे दिए हैं। जनवरी में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस के नेता जनता के बीच जाकर बताएंगे कि सरकार ने कितने वचन पूरे कर लिए हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को सत्ता संभालते ही सबसे पहले कर्जमाफी, कन्या विवाह प्रोत्साहन राशि 25 से बढ़ाकर 51 हजार करने, पेंशन राशि 300 से बढ़ाकर 600 रुपए करने, पंचायतों में गौशालाएं खोलने एवं अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दिए थे। साथ ही सभी विभागों को कांगे्रस पार्टी के वचन पत्र की प्रति थमा दी थी। जिसके बाद विभागों ने वचन निभाने का काम शुरू किया। पिछले 11 महीने से सरकार लगातार वचन पूरे कर रही है। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विभागों से कहा है कि साल भर के भीतर जितने वचन पूरे किए हैं, उनको जनता के सामने रखा जाएगा। संभवत: जनवरी में जनता के बीच यह संदेश दिया जाएगा कि कमलनाथ सरकार शिवराज सरकार से बेहतर काम कर रही है। संगठन स्तर पर भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
विधानसभा चुनाव में जनता ने किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया। कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थी, निर्दलीय एवं सपा, बसपा के सहयोग से सरकार बनाई। हाल ही में झाबुआ उपचुनाव जीतने, सजा मिलने पर भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता निरस्त होने, भाजपा विधायक शरद कोल द्वारा कमलनाथ को समर्थन देने से अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि अब कमलनाथ सरकार पूरे पांच साल चलेगी। कुछ महीने तक ब्यूरोके्रटस में यह चर्चा आम थी कि सरकार कितने दिन चलेगी। झाबुआ उपचुनाव के बाद कांग्रेस में भी उत्साह है।