नई दिल्ली
नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस की NYAY स्कीम में मेरी भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. अभिजीत बनर्जी के लिए जेएनयू में बिताया वक्त इसलिए भी यादगार है क्योंकि इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हुए वो 10 दिन के लिए तिहाड़ जेल गए थे. अभिजीत बनर्जी भारत की अर्थव्यवस्था और पॉलिटिक्स के बारे में क्या सोचते हैं, इस पर भी उन्होंने खुलकर बात की.
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी की न्याय स्कीम को लेकर अभिजीत ने काम किया. कांग्रेस कहती है कि अभिजीत ने पूरे स्कीम को रूप-रेखा प्रदान की. क्या ये सच है? जवाब में अभिजीत ने कहा कि नहीं, ये थोड़ा ज्यादा है. हमसे कुछ पूछा गया कि अगर ये करें तो इसमें कितना पैसा लगेगा. इसके बाद मैंने कुछ सुझाव दिए थे.
उन्होंने कहा कि मेरे नोबेल को लेकर कुछ ज्यादा ही राजनीति हो रही है. हमें यह पुरस्कार एक प्रोफेशनल के तौर पर मिला है. हम लोग ठीक अर्थशास्त्र और खराब अर्थशास्त्र के बीच अंतर करना चाहते हैं और इसलिए हम लोग काम करते हैं. इसलिए इसमें इतनी राजनीति करना भी गलत है.
अभिजीत को मिले नोबेल को लेकर भारत में राजनीतिक बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि यह गलत है. जब मैं यहां स्टूडेंट था और निर्मला सीतारमण मेरे साथ थीं. हम लोग काफी मिला करते थे. ऐसा नहीं था कि हम लोग बहुत अलग-अलग किस्म की राजनीति करते थे. एक साल पहले मेरी निर्मला से मुलाकात हुई थी और वो तुरंत मुझे पहचान गई थीं. वो जेएनयू में काफी अच्छी छात्रा थीं.
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि देश की समस्याओं पर सबको पूछना चाहिए और सब तरह के एक्सपर्ट्स से सुझाव लेना चाहिए. अगर सरकार ऐसे एक्सपर्ट्स को बाहर का रास्ता दिखाती है तो वह उसे मिलने वाली एक्सपर्टीज से वंचित रह जाती है.'