नई दिल्ली/मुंबई
शिवसेना के साथ गठबंधन पर फैसले को लेकर जिस तरह कांग्रेस और एनसीपी फूंक-फूंककर कदम रख रही है, उससे राज्य में जल्द सरकार बनने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। नजरें अब कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच बुधवार को होने वाली बैठक पर टिक गई हैं। शिवसेना भी इस बैठक को लेकर काफी उम्मीद लगाए बैठी है। इस बैठक से शिवसेना की उम्मीदों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में नई सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते में बनने की संभावना प्रकट कर दी। वहीं पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे शुक्रवार को अपने विधायकों से मिल उन्हें सरकार बनाने में हो रही देरी को लेकर जानकारी देंगे। इस मीटिंग में पार्टी आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेगी। वहीं कांग्रेस-एनसीपी की बैठक में नेता कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मसलन यदि तीनों दल मिलकर सरकार बनाते हैं तो इस गठबंधन का नाम क्या होगा? यदि तीनों पार्टियां साथ आती हैं तो आनेवाले बीएमसी चुनाव में दोनों दलों का क्या रुख होगा? बता दें कि कई निकायों और बीएमसी के चुनाव 2022 में होने हैं।
गठबंधन के नाम पर माथापच्ची
कांग्रेस-एनसीपी के नेता महाशिव अगाड़ी (शिवसेना के साथ महागठबंधन) नाम को लेकर सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। एक नेता ने बताया, 'हम गठबंधन में किसी भी पार्टी का नाम नहीं चाहते हैं। यहां तक कि एनडीए या यूपीए में भी किसी पार्टी का नाम नहीं है।'चुनाव में जहां कांग्रेस और एनसीपी ने अगाड़ी नाम से गठबंधन किया था, वहीं बीजेपी, शिवसेना, आरपीआई और अन्य छोटी पार्टियों ने महायुति के नाम से गठबंधन किया था। पहले यह बैठक मंगलवार को होने वाली थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं की इंदिरा गांधी की जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों में व्यस्तता के चलते बैठक का वक्त बढ़ाया गया।
बैठक में मौजूद रहेंगे ये नेता?
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को होने वाली बैठक में जहां कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, पृथ्वी राज चव्हान, अशोक चव्हान और प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट शामिल हो सकते हैं। वहीं एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार, छगन भुजबल और जयंत पाटिल के बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है।
कल सोनिया ने की थी मीटिंग
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि शरद पवार के साथ मीटिंग के बाद सोनिया गांधी ने मंगलवार को खड़गे, एंटनी और वेणुगोपाल के साथ महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात चर्चा की। उन्होंने बताया, 'चर्चा शिव सेना के साथ सरकार गठन और सत्ता में साझेदारी के फॉर्म्युले के ईर्द-गीर्द ही हुई।' एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के साथ अपनी योजना पर चर्चा कर ली है जिससे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को अवगत जरूर करा दिया गया होगा।
शिवसेना का सीएम, कांग्रेस-एनसीपी के डेप्युटी सीएम
एनसीपी लीडर ने बताया कि सैद्धांतिक तौर पर शिवसेना को पांच साल के कार्यकाल के लिए सीएम पद देने पर सहमति बन चुकी है जबकि कांग्रेस और एनसीपी, दोनों दलों से पूरे पांच साल के लिए एक-एक डेप्युटी सीएम होंगे। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में किसे, कौन सा पोर्टफोलियो दिया जाएगा, इसका निर्णय सरकार गठन पर आखिरी फैसला होने के बाद हो जाएगा।
एनीसीपी लीडर ने कहा कि कांग्रेस से स्पष्ट कह दिया गया है कि नई सरकार को स्थिरता प्रदान करने के लिए उसे सत्ता में साझेदार जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'इस वक्त उद्धव ठाकरे सीएम पद के सबसे बड़े दावेदार हैं जबकि एनसीपी के अजीत पवार और कांग्रेस के अशोक चव्हान की दावेदारी डेप्युटी सीएम को लेकर है।'
शिवसेना को खरीद-फरोख्त का डर!
शिवसेना ने शुक्रवार को मातोश्री में अपने सभी 56 विधायकों की बैठक बुलाई थी। सूत्रों ने बताया कि विधायकों को मीटिंग में अपना-अपना पैन और आधार कार्ड साथ लाने को कहा गया था। इसका मतलब है कि उन्हें कुछ दिनों के लिए किसी होटल में रखा जा सकता है ताकि खरीद-फरोख्त की आशंका ही नहीं रहे।
12 नवंबर से है राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर शिवसेना के बीजेपी से अलग होने के बाद 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन का ऐलान कर दिया गया था। बाद में एनसीपी चीफ शरद पवार ने पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के साथ मीटिंग और फिर उद्धव ठाकरे पवार और पटेल दोनों से मिले। उसके बाद कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने की सहमति दी।