मध्य प्रदेश

कांग्रेस MLA ने खुले मंच से किया वॉंटेड माफिया जीतू सोनी का साथ देने का वादा, सकते में कमलनाथ सरकार

इंदौर
मध्यप्रदेश सरकार (madhya pradesh) माफिया (mafia) को खत्म करने का अभियान चला रही है. लेकिन उसी की पार्टी के विधायक (mla) सरकार को मुश्किल में डाल रहे हैं. धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा (dr hiralal alawa) ने इंदौर के माफिया वॉंटेड जीतू सोनी (jitu soni) का साथ देने का खुले मंच से एलान कर दिया. इसकी वजह ये है कि जीतू सोनी ने कभी डॉ अलावा का साथ दिया था. अलावा ने सोनी के खिलाफ की गयी कार्रवाई को ग़लत ठहराया.

हनी ट्रैप केस को लेकर लगातार खबरें छाप रहे इंदौर के संझा लोक स्वामी अखबार के मालिक वांटेड जीतू सोनी के ख़िलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. उसके पूरे अवैध कारोबार को नेस्तनाबूत कर दिया गया है. जीतू सोनी के ख़िलाफ 32 अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.सोनी का साथ देने वाले लोगों और अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. इंदौर जोन के एडीजी वरूण कपूर तक को हटा दिया गया है. ऐसे में कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा का ये बयान सरकार के लिए चौंकाने वाला है.

दरअसल डॉ हीरालाल अलावा की छटपटाहट ये है कि वो मंत्री न बनाए जाने से आहत हैं. इसलिए सरकार की लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे हैं. जब विपक्ष तक इस मुद्दे पर सरकार का साथ दे रहा है ऐसे में कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा सोनी का खुले मंच से साथ देने का वादा कर पार्टी को असमंजस की स्थिति में डाल रहे हैं. ये बयान हीरालाल अलावा को महंगा पड़ सकता है क्योंकि खुद सीएम कमलनाथ के निर्देश पर माफिया जीतू सोनी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सीएम कमलनाथ ने इस कार्रवाई के लिए वेलडन कहकर अफसरों की पीठ थपथपाई है. साथ ही कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया है.

कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने भारतीय पत्रकार संघ के मनावर में आयोजित कार्यक्रम में कहा इंदौर के जीतू भाई सोनीजी के साथ जय आदिवासी युवा संगठन खड़ा है. उन्होने कहा जब मनावर विधानसभा क्षेत्र में अल्ट्राट्रेक सीमेंट फैक्ट्री ने ग्राम सभाओं को अनदेखा कर गलत तरीके से 32 गांवों की जमीन छीनने की कोशिश की थी, तब जीतू सोनी का अखबार हमारे साथ खड़ा था. ऐसे में अखबार के साथ कोई गलत होता है तो पूरा जयस संगठन उनके साथ खड़ा है इस बात का मैं वादा करता हूं.

डॉ हीरालाल अलावा एम्स दिल्ली में डॉक्टर थे. आदिवासियों के हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए वो इस प्रतिष्ठित संस्थान से इस्तीफा देकर मध्य प्रदेश आए और जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन बनाया. लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित हुए. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे. इसके लिए उन्होंने जय आदिवासी युवा संगठन के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया. लेकिन मंत्री न बनाए जाने से नाराज हीरालाल अलावा अब जयस में ही सक्रिय हैं और सरकार के खिलाफ जाने से नहीं चूक रहे.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बहुमत से एक कदम पीछे है. उसके पास 230 विधायकों में से 115 विधायक अपनी पार्टी के हैं जबकि बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत है. बाकी निर्दलीय और अन्य दलों के समर्थन से सरकार चल रही है. ऐसे में वो एक भी विधायक को नाराज नहीं करना चाहती. इसी का फायदा हीरालाल अलावा उठा रहे हैं. वो खुले मंच से सरकार की मुखाफत कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि कमलनाथ सरकार न उन्हें नोटिस दे सकती है और न पार्टी से निकाल सकती है. ऐसे में सरकार के सामने बड़ी चुनौती माफिया के साथ साथ अपनी पार्टी के विधायकों से निपटने की भी है.

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