महाबलीपुरम
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दो दिवसीय भारत यात्रा खत्म हो गई है. चीनी राष्ट्रपति के साथ इस अहम रणनीतिक मुलाकात के जरिए भारत ने पाकिस्तान को बड़ी कूटनीतिक मात दी है. दो दिन के चीनी राष्ट्रपति के इस दौरे में कश्मीर पर कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं भारत की ओर से वैश्विक आतंकवाद और कट्टरपंथ के मुद्दे पर चीन के साथ बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि चीन और भारत को संयुक्त रूप से समान विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए एक-दूसरे की सभ्यताओं का सम्मान करना सीखना होगा और इसे समझना होगा.
कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं
महाबलीपुरम में बंगाल की खाड़ी के किनारे पर कोव रिजॉर्ट के सुरम्य वातावरण में मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान भारत ने चीन से व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते तो साधे ही, पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश दिया. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच व्यापार, निवेश, मानसरोवर यात्रा, पर्यटन जैसे मुद्दों पर बात हुई. लेकिन इस दौरान कश्मीर मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. विदेश सचिव ने कहा कि भारत पहले भी कह चुका है कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है और इसमें किसी किस्म की दखलंदाजी भारत को मंजूर नहीं है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद चीन कुछ मौकों पर पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था. तब चीन ने कहा था कि भारत जम्मू-कश्मीर की यथास्थिति से कोई छेड़छाड़ नहीं करे. पाकिस्तान जब इस मुद्दे पर UN गया तो वहां भी उसे चीन का समर्थन मिला था. लेकिन इस बार चीन के साथ बातचीत में कश्मीर का मुद्दा न उठना, भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है.
आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों पर चर्चा
चीन के साथ चर्चा के दौरान कश्मीर का मुद्दा तो नहीं उठा, लेकिन वैश्विक आतंकवाद और कट्टरपंथ के मुद्दे पर दोनों देशों ने चिंता जरूर जताई. हालांकि इस दौरान पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया गया, लेकिन दोनों नेताओं ने कहा कि आज की भू-राजनीतिक परिस्थिति में आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों से निपटना जरूरी है.
पीएम मोदी को चीन आने का न्यौता
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच 90 मिनट तक बातचीत हुई. इसके अलावा इस दौरे में दोनों नेता 6 घंटे तक मिले. विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने पीएम नरेंद्र मोदी को चीन आने का न्यौता दिया, इसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है. पीएम मोदी अगले साल चीन दौरे पर जाएंगे. हालांकि उनके दौरे की तारीख अबतक तय नहीं हो पाई है.