नई दिल्ली
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर पर फिर वही बात कही जिस पर पहले भी उनकी बड़ी किरकिरी हो चुकी है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला नहीं है। उन्होंने पिछले वर्ष अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी किए जाने के प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई बहस के दौरान भी यही बात कही थी, तब उनके पीछे बैठीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी भौंचक रह गई थीं।
फिर कहा- कश्मीर आंतरिक मामला नहीं
अधीर के इस बयान की केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं ने तो कड़ी आलोचना की ही थी, सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब खिंचाई हुई थी। हालांकि, पं. बंगाल से लोकसभा सांसद ने फिर लोकसभा में ही वही बात कह दी। कांग्रेस सासंद ने सदन में बैठे विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पूछा, 'मैं (विदेश मंत्री) जयशंकर जी को पूछना चाहता हूं कि आप दावे के साथ कह सकते हैं कि कश्मीर इंटरनल मसला है? कश्मीर कोई इंटरनल मसला नहीं है। चाइना-पाकिस्तान कॉरिडोर के बारे में क्या किया आपने?'
पीओके पर ऐक्शन हुआ तो चीन चुप नहीं रहेगा: अधीर
अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत के कब्जे में लाने की जिक्र छेड़ते हुए यह भी कहा कि पीओके पर भारत की तरफ से कोई कार्रवाई हुई तो चीन चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि अब भारत पीओके में कुछ नहीं कर सकता है। कांग्रेस सांसद ने कहा, 'चीन जब पीओके में घुसने लगा तो पीओके पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। अब आप कुछ नहीं कर सकते।' उन्होंने कहा, 'पीओके में जब कुछ करने जाएंगे तो चाइना के साथ आपको टकराना होगा, आप तैयार हैं? बताइए, आप तैयार हैं पाकिस्तान और चीन, दोनों से एकसाथ मुकाबला करने के लिए? तैयार हैं तो क्यों नहीं पीओके पर कब्जा कर लेते हैं?'
आर्मी चीफ के बयान पर पूछा- आपमें हिम्मत है?
अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले अधीर रंजन ने आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवाणे के पीओके पर दिए बयान की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, 'आपके आर्मी चीफ कहते हैं कि अगर पार्ल्यामेंट हमें मंजूरी दे तो हम पीओके पर कब्जा कर लेंगे। 1994 में इसी पार्ल्यामेंट ने सर्वसम्मति से एस प्रस्ताव पास किया था कि पीओके को अपने कब्जे में लाना है। आज भी सरकार की तरफ से दूसरा प्रस्ताव लाया जाए कि हां, चीफ ऑफ आर्मी पीओके के अपने कब्जे में लाओ। आपमें हिम्मत है? आपमें हिम्मत है?'
पूर्वी-पश्चिमी, खतरे में आ गईं दोनों सीमाएं: अधीर
कांग्रेस सांसद ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हवाला देते हुए कहा कि अब पीओके में कार्रवाई करने का मतलब है चीन से दुश्मनी मोल लेना है। उन्होंने कहा, अभी चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपैक) बन रहा है। इकनॉमिक कॉरिडोर बनने के बाद वो जो गिलगिट है, बाल्टिस्तान है, उसमें इकॉनमिक कॉरिडोर बन रहा है, ग्वादर पोर्ट तक जाएगा। हमारे हिंदुस्तान के ईस्टर्न फ्रंट की सिक्यॉरिटी खत्म हो जाएगी।' उन्होंने सरकार से पूछा, 'आप कह सकोगे कि पीओके में चाइना हस्तक्षेप ना करे? एक लब्ज भी कहा आपने? आपने एक बार कहा कि चाइना-पाकिस्तान कॉरिडोर नहीं होने देंगे? कहा?' उन्होंने कहा, 'अभी चाइना-म्यांमार कॉरिडोर में क्या किया? हमारा सी पोर्ट बन रहा है म्यामांर में। हमारा ईस्टर्न फ्रंट, वेस्टर्न फ्रंट, दोनों खतरे में पड़ गया है।'
बांग्लादेश बंटवारे का जिक्र
उन्होंने बांग्लादेश बंटवारे को लेकर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में ही पाकिस्तान की रीढ़ तोड़ दी। उन्होंने कहा, 'आपके प्रधानमंत्री कहते हैं कि 7 से 10 का वक्त चाहिए, हम तबाह कर देंगे पाकिस्तान को। हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में 3 दिसंबर से 16 दिसंबर के बीच 13 दिन में बांग्लादेश छीन के पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। बहुत पहले तोड़ दी।'
जब लोकसभा अध्यक्ष ने कहा- पीएम हम सबके
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधीर रंजन को रोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हम सबके हैं। इनके प्रधानमंत्री नहीं कहें। इस पर अधीर रंजन ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की बहुत इज्जत करते हैं। हालांकि, वह प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ, दोनों के लिए 'आपके प्रधानमंत्री' और 'आपके आर्मी चीफ' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते रहे।