राजिम
गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावड़े फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम किरवई, बरोडा, मुड़तराई और कोपरा पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों के बीच जनचौपाल लगाकर फसल कटाई के बाद खेतों में पैरा ना जलाने की अपील की। इस दौरान गांव में स्वच्छता और साफ सफाई के सम्बंध में भी समझाईश दी गयी। कलेक्टर श्री धावड़े ने किसानों से कहा कि यह पर्यावरण के लिए खतरनाक है। फसल कटाई के बाद खेतों में पड़े पैरा को दान दिया जा सकता है। साथ ही गोठानो में भी दे सकते हैं। पैरा का उपयोग जैविक खाद बनाने के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि अगर इस क्षेत्र के किसान यह ठान ले कि पैरा न जलाकर इसे गौठानो में दान दिया जाए और खाद बनाकर इसका उपयोग किया जाए तो इससे दूसरे किसान भी प्रेरित होंगे।
कलेक्टर ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के प्रावधानों से किसानों को अवगत कराते हुए कहा कि इसमे जुमार्ना और दंड का भी प्रावधान है लेकिन पहले हम किसानों के बीच जाकर जागरूकता फैलाएंगे और समझायेंगे। अगर किसान उसके बाद भी फसल अवशिष्ट जलाते है तो प्रावधानों के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। जनचौपाल में किसानों ने भी अपनी बात रखी।
किसानों ने कलेक्टर की इस पहल का स्वागत करते हुए संकल्प लेकर कहा कि वे पैरा दान देंगे, लेकिन पैरा खेतों में नही जलाएंगे। एनजीटी के प्रावधानों का पालन करने और किसी भी तरह का पर्यावरण प्रदूषण नही करने का संकल्प किसानों ने सामुहिक तौर पर लिया। जनचौपाल में जिला सीईओ आरके खूंटे, एसडीएम जीडी वाहिले, जनपद सीईओ स्वेच्छा सिंह, डॉ सुधीर पंचभाई, तहसीलदा भरत दीवान, सरपंच डाली साहू, मिलेश्वरी साहू सहित किसान, पंचायत प्रतिनिधि ग्रामवासी मौजूद थे।