बेंगलुरु
कर्नाटक में भाजपा सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने पर विचार कर रही है। राज्य के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने गुरुवार को यह बात कही। देश में अभी तक असम ही ऐसा राज्य है, जहां एनआरसी को लागू किया गया है। इसका भी काफी लोग विरोध कर रहे हैं।
बोम्मई ने कहा, 'पूरे देश में एनआरसी लागू करने पर चर्चा जोरों पर है। कर्नाटक ऐसे राज्यों में से हैं, जहां सीमा पार से लोग आकर बस गए हैं। इसलिए हम जानकारी जुटा रहे हैं और केंद्रीय गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद कदम आगे बढ़ाएंगे।' इससे पहले बोम्मई ने बताया था कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में कानून का अध्ययन करने को कहा गया है। बेंगलुरु व अन्य बड़े शहरों में विदेशी आकर बस गए हैं। जानकारी मिली है कि ऐसे लोग अपराध में लिप्त हैं। उनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है। बोम्मई ने इस हफ्ते एनआरसी पर स्पष्ट निर्णय की बात कही है। विपक्ष में रहते हुए भी भाजपा बेंगलुरु में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताती रही है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि पूरे देश में एनआरसी लागू की जाएगी और घुसपैठियों को कानूनी तरीके से देश से बाहर भेजा जाएगा। शाह का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एनआरसी बहुत जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि शरणार्थियों को देश से बाहर नहीं निकाला जाएगा, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इसलिए एनआरसी से घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि वह राज्य में एनआरसी लागू नहीं होने देंगी। फिलहाल असम इकलौता राज्य है, जहां एनआरसी लागू है। 31 अगस्त को यहां जारी की गई एनआरसी की आखिरी सूची में राज्य के 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं।