वडोदरा
14 अक्टूबर को गुजरात के वडोदरा जिले के पाडरा कस्बे के करोड़पति तेल कारोबारी का बेटा द्वारकेश ठक्कर वसाड में अपने इंजिनियरिंग कॉलेज के लिए घर से निकला था। उसके परिवार के पास संदेह करने की कोई वजह नहीं थी। लेकिन जब वह कॉलेज से घर नहीं लौटा तो परिजन पुलिस के पास पहुंचे। तफ्तीश के दौरान पुलिस को दो सुराग मिले। पहला वडोदरा रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज और दूसरा एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर जिसने द्वारकेश को छोड़ा था।
पढ़ने में नहीं थी दिलचस्पी, क्षमता साबित करने का जुनून
पुलिस की जांच-पड़ताल किसी नतीजे पर नहीं पहुंची थी, इसी बीच शिमला से आए एक होटल मैनेजर के फोन ने मामले को नया मोड़ दे दिया। होटल मैनेजर ने बताया कि 19 साल का एक युवक उनके होटल में बर्तन धुलता है। दरअसल द्वारकेश को पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी लेकिन वह परिजनों के सामने अपनी क्षमता को साबित करना चाहता था। इस वजह से उसने एक ऐसा रास्ता चुना, जिसकी कल्पना पुलिस ने भी नहीं की थी। घर से कॉलेज निकलने की बात कहकर वह शिमला भाग गया और यहां नौकरी के लिए उसने एक होटल में संपर्क किया।
होटल मैनेजर ने फोन से मामले का हुआ खुलासा
इंस्पेक्टर एसए करमूर का कहना है कि द्वारकेश का परिचय पत्र देखने के बाद मैनेजर ने उसका बैकग्राउंड चेक करने के लिए पाडरा पुलिस स्टेशन में फोन किया और यहीं से सारे मामले का पता चला। मैनेजर ने द्वारकेश की तस्वीर पुलिस वालों को भेजी। पुलिस ने इसको वेरिफाइ किया और इंस्पेक्टर करमूर ने दो कॉन्स्टेबल संजय सिंह गोहिल और भूपेंद्र सिंह महिडा से संपर्क किया। दोनों कॉन्स्टेबल शिमला में छुट्टियां मना रहे थे। इसके बाद दोनों तुरंत होटल पहुंचे लेकिन वहां द्वारकेश नहीं मिला।
रोड के किनारे सोते मिला, परिजनों को सौंपा
कॉन्स्टेबल गोहिल का कहना है, 'मैनेजर ने हमें बताया कि एक युवक हाइवे पर खाने-पीने की दुकानों और फूड स्टॉल पर काम करता है। इसके बाद हमने ऐसे सभी दुकानदारों से संपर्क करते हुए द्वारकेश की तस्वीर शेयर की।'
सोमवार को एक टैक्सी ड्राइवर ने गोहिल को फोन करते हुए जानकारी दी कि एक लड़का रोड के किनारे सो रहा है। इसके बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और द्वारकेश का आखिरकार पता चल गया। पुलिस ने परिजनों को द्वारकेश के मिलने की जानकारी दी, जिसके बाद फ्लाइट से परिवार के लोग शिमला पहुंचे और द्वारकेश को वापस घर ले गए।