मध्य प्रदेश

एसआईटी सारे दस्तावेज आयकर विभाग का सौपे-हाई कोर्ट

इंदौर
हाई कोर्ट ने हनीट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी के उस आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें उसने आयकर विभाग को केवल लेनदेन से जुड़े दस्तावेज ही देने की बात कही थी। सोमवार को एसआईटी के आवेदन पर युगल पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर आदेश दिए थे कि आयकर विभाग को 10 दिन में हनीट्रैप मामले से जुड़े दस्तावेज सौंपे जाएं। हनीट्रैप मामले में करोड़ों रुपए का लेनदेन होने के आरोप में आयकर विभाग ने भी जांच की जाने की बात कही थी।

कोर्ट ने दस्तावेज सौंपने के आदेश आयकर विभाग के आवेदन पर ही दिए थे। कोर्ट आदेश के बाद एसआईटी ने आदेश में संशोधन के लिए आवेदन दिया था। इसमें कहा था कि आयकर का दायरा लेनदेन की जांच करने तक ही सीमित है। उसे केवल उतने ही दस्तावेज दिए जाने चाहिए। इधर, कोर्ट के आदेश के बाद भी आयकर को दस्तावेज नहीं सौंपे गए हैं। कोर्ट ने एसआईटी की अर्जी खारिज कर दी। अब एसआईटी को दस्तावेज सौंपने होंगे।

मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) और आयकर विभाग के बीच समन्वय का सिलसिला शुरू हो गया। एसआईटी ने अपनी कार्रवाई के दौरान बरामद हुए साक्ष्यों की पहली खेप आयकर महकमे के हवाले कर दी है। इसमें प्रदेश के रसूखदार अधिकारी और कारोबारियों से ब्लैकमेलिंग कर वसूला गया कालाधन और बैंकों से हुए लेनदेन का ब्योरा भी शामिल बताया जाता है। आयकर विभाग की याचिका के संदर्भ में हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को 10 दिन के भीतर दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया था। इसके बाद पिछले सप्ताह एसआईटी की ओर से यह पहल की गई है। हनीट्रैप की जांच कर रही एसआईटी ने हाल ही में वित्तीय लेनदेन से जुड़े कुछ साक्ष्य विभाग को सौंप दिए हैं।

 

 

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