नई दिल्ली
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में सर्दियों से पहले आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए नियंत्रण रेखा के पास 20 आतंकी प्रशिक्षण शिविर और 20 आतंकी अड्डे (लॉन्च पैड) को सक्रिय किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले और उसकी प्रतिक्रिया में बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हमले के बाद ये शिविर अस्थायी तौर पर बंद कर दिए गए थे, लेकिन ये फिर से सक्रिय हो गए हैं।
हर शिविर में 50 आतंकियों के होने की आशंका
यहां हर प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड में कम से कम 50 आतंकवादी हैं। एक सुरक्षा अधिकारी ने खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तानी एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला करने की साजिश कर रही थीं। दूर-दराज के क्षेत्रों में भी हमले की साजिशें हो रही थीं। हालांकि, जब आतंकवादी कोई बड़ा हमला करने में विफल रहे तो अब पाकिस्तानी एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा आतंकवादी भेजने की ताक में है।
कम से कम 20 प्रशिक्षण शिविरों के होने की आशंका
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास खुफिया जानकारी है कि पाकिस्तान ने कम से कम 20 आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और 20 अड्डों को सक्रिय किया है। प्रत्येक में कम से कम 50 आतकंवादी हैं। ये सभी आतंकवादी नियंत्रण रेखा के जरिए मौका मिलते ही घुसपैठ करने की ताक में हैं।’ सुरक्षा बल काफी सतर्क और मुस्तैद हैं, लेकिन इसके बाद भी हाल के सप्ताह में कई आतंकवादी घुसपैठ करने में सफल रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में 200-300 आतंकवादी सक्रिय
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा है कि राज्य में 200 से 300 आतंकवादी सक्रिय हैं। पाकिस्तान ने सीमापार से गोलीबारी तेज की है ताकि सर्दियों से पहले ज्यादा से ज्यादा संख्या में आतंकवादियों की घुसपैठ करायी जा सके। सिंह ने रविवार को कहा था कि संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं और यह कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों में हो रहा है।
आतंकियों की हाल ही में बैठक का मिला इनपुट
संघर्ष विराम उल्लंघन कनाचक, आर एस पुरा और हीरा नगर (अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे हुए) और नियंत्रण रेखा पर पुंछ, राजौरी, उरी, नम्बला, करनाह और केरन में बढ़ी हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ऐसी खुफिया जानकारी है कि जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े शीर्ष आतंकवादियों ने हाल ही में एक बैठक की है और सुरक्षा बलों तथा अन्य संवेदनशील स्थानों पर हमले तेज करने का निर्णय लिया है।