नई दिल्ली
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई वाली मंत्रिमंडलीय समित विनिवेश के 10 प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिसमें एफडीआई नियमों में और ढील देने, कर्ज का हस्तांतरण एसपीवी को करने तथा रिजर्व मूल्य तय करने पर चर्चा होगी.
इन मुख्य पहलुओं पर बैठक में होगी चर्चा
पहली बैठक में एअर इंडिया के कारोबार से सरकार के पूरी तरह से निकलने का फैसला किया गया था. अब होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में एअर इंडिया के वर्तमान और सेवानिवृत्त 40,000 कर्मचारियों के पैकेज (मेडिकल सुविधाओं समेत) पर चर्चा होगी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संभावित बोलीदाताओं के पात्रता मानदंडों में भी ढील देने पर चर्चा होगी, जिससे नई कंपनियां और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआईज) भी इसकी बिक्री प्रक्रिया में भाग ले पाएंगे.
एअर इंडिया को संकट से उबारने की कोशिश
इसके अलावा 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज (जोकि पहले तय किए गए 29,464 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है) को एअर इंडिया एस्सेट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित किया जाएगा, जो एअर इंडिया की परिसंपत्तियों और कर्ज के कुछ हिस्सों के हस्तांतरण के लिए बनाई गई स्पेशल पर्पज व्हिकल (एसपीवी) है.
कर्ज में डूबा है एअर इंडिया
एअर इंडिया पर फिलहाल करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं. विनिवेश योजना की जानकारी रखनेवाले एक अधिकारी ने बताया, 'अब एयर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें खातों में 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज ही दिखाया जाएगा.'