नई दिल्ली
नॉर्थ-ईस्ट जिले में हिंसा के दौरान अवैध हथियारों का जमकर इस्तेमाल हुआ है। पुलिस की शुरुआती जांच में भी यह बात सामने आई है। इलाके के गैंगस्टरों का हिंसा के दौरान अपने गुर्गों का इस्तेमाल करने के संकेत भी मिल रहे हैं। इसलिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम इसकी जांच में जुट गई है। इनका टारगेट है कि आखिर इतनी बड़ी तादाद में उपद्रव के दौरान हथियार कहां से आए। जाफराबाद की तरफ से मौजपुर चौक की तरफ 24 फरवरी को आई भीड़ की पिस्टल लहराते हुए अगुवाई करने वाले शाहरुख के तार भी गैंग से जुड़े होने की बात सामने आ रही है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने शुक्रवार को खुलासा किया कि नॉर्थ-ईस्ट जिले में हिंसा को लेकर अब तक दर्ज 123 मुकदमों में 25 मामले आर्म्स ऐक्ट के हैं। यानी इन वारदातों में अवैध पिस्टल और देसी कट्टों का इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने बताया कि अवैध हथियारों के इस्तेमाल होने की जांच के लिए स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और जिले के स्पेशल स्टाफ की टीमें खास ड्राइव चला रही हैं। बहरहाल, इससे यह बात साफ हो चुकी है कि दिल्ली पुलिस के पास यमुनापार के घरों में अवैध हथियार होने के इनपुट मिले हैं। इसलिए जांच एजेंसियां इन हथियारों के खिलाफ स्पेशल ड्राइव चला रही हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यमुनापार में गैंगस्टर इरफान उर्फ छेनू पहलवान और अब्दुल नासिर समेत कई गैंग सक्रिय हैं। इन गैंग्स के पास आधुनिक हथियार हैं। इनके गुर्गों के हिंसा के दौरान सक्रिय होने के मामले सामने आए हैं। अरविंद नगर घोंडा में रहने वाले शाहरुख ने 26 फरवरी को सरेआम पुलिसवालों के सामने भीड़ के साथ आकर 8 राउंड फायरिंग की थी। पुलिस का दावा है कि दंगा रोकने में व्यस्त होने की वजह से अभी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। फिलहाल वह अपने परिवार के साथ फरार है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि शाहरुख के पिता ड्रग्स पेडलर हैं, जिनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। वह कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आए हैं। सूत्रों ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट जिले के संवेदनशील इलाकों में मेरठ से हथियारों की सप्लाई होती है। सलीम पिस्टल नाम का सप्लायर यहां काफी समय से सक्रिय रहा है। इसके अलावा कई सप्लायर हैं, जो बदमाशों को हथियार मुहैया कराते हैं। इस वजह से उपद्रव के दौरान अचानक इतने आर्म्स के मामले सामने आए हैं।