नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड तीनों राज्य बाढ़ की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं। स्कूल कॉलेज बंद, अस्पताल में फैली अव्यवस्था का भयावह मंजर देख आंखें फटी की फटी रह जा रही हैं। राज्यों के प्रशासनिक विभाग और सरकारों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया हुआ है। लगातार हो रही बारिश से बाढ़ की समस्या का निदान दूर तक दिखाई नहीं दे रहा। उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में एहतियातन रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। तीनों राज्यों में 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। कई बेघर हो चुके हैं तो कई अपनों से बिछड़ गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सकुशल निकाले गए लोग राहत शिविरों में बाढ़ के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक-दो दिन तक समस्या गंभीर बनी रहेगी। बारिश के रुकने के बाद ही खतरों के निशान से ऊपर बह रही नदियों का जलस्तर नीचे जाने की उम्मीद है। तीनों राज्यों में बाढ़ से हुए नुकसान का आंकड़ा कई करोड़ के ऊपर जा चुका है। प्रशासन व सरकार द्वारा बाढ़ राहत राशि की घोषणा जरूर की गई है, लेकिन बाढ़ से प्रभावित लोगों के नुकसान की भरपाई इससे नहीं हो पाएगी। बाढ़ ने इन तीनों राज्यों के प्रभावित लोगों को कभी न भूल पाने वाला गम दे दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नदियों के जलस्तर पर हर वक्त नजर रखने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। कहा कि नेपाल में ज्यादा बारिश होती है तो गंडक, बूढी गंडक, बागमती सहित पूरा उत्तर बिहार प्रभावित होता है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग में शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि 28, 29 और 30 सितंबर को नेपाल में 300 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका है। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर पिपरासी बांध के आस-पास के चार गांवों के लोगों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सिर्फ कम्युनिटी किचेन से काम नहीं चलेगा। प्रभावित लोगों के बीच अधिक से अधिक राहत देने के लिए जगह-जगह राहत शिविर की व्यवस्था करनी होगी। जिन गांवों में बाढ़ का पानी चला गया है, वहां के लोगों को सुरिक्षत स्थानों पर तत्काल पहुंचाने का प्रबंध करें। उन्होंने प्रभावित इलाकों के डीएम को हर वक्त चौकस रहने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में पदाधिकारियों से कहा कि वह शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों की वर्तमान स्थिति का जायजा लेंगे। कहा कि आपदा प्रभावित लोगों से लिए सरकार पूरी तरह सजग है। उम्मीद है इस बार भी लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।