गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धार्मिक सम्पत्ति सार्वजनिक होती है। सार्वजनिक सम्पत्ति का संरक्षण समाज का दायित्व होता है। ऐसे स्थलों के रख-रखाव और विकास जन-सहभागिता से कर सकते हैं। गोरखपुर के प्राचीन मानसरोवर मंदिर का जीर्णोद्धार इसका आदर्श उदाहरण है। मानसरोवर मंदिर की तर्ज पर प्रदेश के सभी जीर्ण-शीर्ण मंदिरों का पुनरोद्धार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री गुरुवार को प्राचीन मानसरोवर मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धार्मिक सम्पत्ति का कोई व्यक्ति व्यक्तिगत कार्यों के लिए उपभोग करता है तो वह कभी प्रगति नहीं कर सकता है। सार्वजनिक सम्पत्ति तभी सुरक्षित रहती है जब समाज जागृत होता है। मानसरोवर मंदिर के पुनरोद्धार में सहयोग करने वालों की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि युगों-युगों में किसी एक को मंदिर के निर्माण का अवसर मिलता है। यह सब कार्य सहसा नहीं होते, बल्कि प्रेरणा से होते हैं। यह सौभाग्य हर व्यक्ति को नहीं मिलता। मंदिर जीर्णोद्धार के साथ जुड़ कर हम समाज एवं राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया के साथ जुड़ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम धर्म को एक सात्विक प्रवृति के साथ जोड़ रहे हैं।
पॉलीथिन का इस्तेमाल न कर गाय बचाएं
सीएम योगी ने कहा कि पर्यावरण, भूमि संरक्षण एवं मानवता की रक्षा के लिए सरकार ने पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी लोग पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पर्यावरण को क्षति हो रही है। मां समान गो-माता के सामने भी संकट उत्पन्न हो रहा है। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम पालिथीन का इस्तेमाल न करें।
हरि कीर्तन तनाव मुक्ति का सबसे बड़ा साधन
योगी ने कहा कि तनाव मुक्ति का हरि कीर्तन से बड़ा कोई साधन नहीं है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक मोहल्ले में कीर्तन कमेटियां बनाएं। रोज सुबह या शाम को भजन यात्रा निकालें। इससे न सिर्फ तनाव से मुक्ति मिलेगी, बल्कि मोहल्ले का पूरा माहौल बदल जाएगा। लोगों के अंदर सकारात्मकता के भाव आएंगे। इसी तर्ज पर मंदिरों में प्रतिदिन न हो सके तो सप्ताह में एक दिन तय कर कुछ घंटे कीर्तन करें।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर बजीं तालियां
अपने उद्बोधन के दौरान योगी ने कहा कि गोरखपुर के मानसरोवर मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठ हो गई है। जल्द ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का प्रारंभ होगा। इस पर भीड़ ने तालियां बजा कर स्वागत किया।