भोपाल
राजधानी भोपाल (Bhopal)का हर कोना अब पुलिस (police) की नज़र में रहेगा. लेकिन इस बार वो जनता की मदद से ये काम कर रही है. पूरे शहर में निजी और सरकारी CCTV (cctv camera)कैमरे लगाए जा रहे हैं. इन पर पुलिस मुख्यालय (police headquater)से नज़र रखी जाएगी. शहर में लगे प्राइवेट कैमरों को भी पुलिस अपने सर्विलांस पर ले रही है.
पुलिस ई-भोपाल (e-bhopal)अभियान चलाकर शहर के हर कोने का सीसीटीवी कैमरों (cctv camera)से लैस कर रही है.ख़ास बात ये है कि अभी तक पुलिस सिर्फ सरकारी कैमरों की मॉनिटरिंग करती है, लेकिन अब वो शहर में लगे प्राइवेट कैमरों का भी सर्विलांस करेगी.
शहर में सरकारी कैमरों की संख्या कब बढ़ेगी, ये नहीं कहा जा सकता.फिलहाल तो पुलिस प्राइवेट सीसीटीवी सर्विलांस के ज़रिए शहर की सुरक्षा व्यवस्था पुख़्ता कर रही है. फोर्स की कमी से जूझ रहे पुलिस विभाग ने पब्लिक की मदद से सुरक्षा और कानून व्यवस्था मज़बूत करने के लिए नया प्लान तैयार किया है.
शहर में ई भोपाल अभियान चलाया जा रहा है.इस अभियान के ज़रिए शहर की सभी प्रतिष्ठित संस्थाओं, बाज़ार, भीड़भाड़ वाले इलाके, पॉश कॉलोनी, सड़क के आसपास, बड़ी इमारतों के साथ सभी महत्वपूर्ण स्थान जो प्राइवेट सैक्टर की जद में आते हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. पुलिस शहर के हर कोने को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के लिए व्यापार, कारोबार, सोसायटी या फिर दूसरे वर्ग से जुड़े लोगों के साथ मीटिंग कर रही है.पुलिस अधिकारी सभी लोगों से संस्थान के अंदर के अलावा बाहर के हिस्सों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा रही है. जहां कैमरे लगे हुए हैं उनका लिंक पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़कर उनके ज़रिए भी शहर में हो रही हर गतिविधि पर नज़र रखेगी.
अभी पुलिस कंट्रोल रूम से सरकारी सीसीटीवी कैमरों की मदद से 2 हजार लोकेशन की निगरानी की जा रही है. लेकिन अब प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की मदद से शहर के हर कोने पर नज़र रखी जाएगी.प्राइवेट सैक्टर के लोगों के साथ मीटिंग कर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मुहिम चलाई जा रही है.प्राइवेट सर्विलांस के जरिए शहर की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के साथ अपराधों से निपटने में पुलिस को मदद मिलेगी. पुलिस को उम्मीद है कि एक महीने में पुलिस कंट्रोल रूम को करीब चार हजार प्राइवेट कैमरों पर भी नियंत्रण मिल जाएगा.