नई दिल्ली
इसरो सेंटर बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे देशभर के बच्चों से मिले। बच्चों के सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान एक बच्चे ने मोदी से कहा, सर मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं। इस पर मोदी ने हंसते हुए पूछा, प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहते हो। इसके बाद वह बच्चा और पीएम मोदी दोनों मुस्कुरा दिए। बच्चे ने पीएम मोदी के ऑटोग्राफ लिए। चंद्रयान 2 की लैंडिंग देखने पहुंचे बच्चों के माथे पर भी शिकन दिख रही थी, जिसे प्रधानमंत्री ने संवाद कर माहौल को हल्का कर दिया। इससे पहले मोदी वैज्ञानिकों की भी हौसलाअफजाई की। इसरो में पीएम मोदी के साथ 60 बच्चे मौजूद थे। बच्चों का चयन इसरो की ओर से कराए गए ऑनलाइन स्पेस क्विज के जरिए हुआ था।
बच्चों से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा- 'लैंडर का कम्युनिकेशन मिस कर गया है। फिर पीएम मोदी ने बच्चों से पूछा- कि आप यहां कब आए। क्या आपकी सबकी एक दूसरे से दोस्ती हो गई है? पूरे हिंदुस्तान से यहां आए हुए हैं, एक दूसरे को जान लिया है?' सभी बच्चों ने इसका जवाब हां में दिया।
फिर पीएम मोदी ने पूछा कि आप सब घर और स्कूल जाकर क्या बताओगे? बच्चों ने इसका जवाब दिया कि लैंडिंग होने ही वाली थी कि चंद पलों पहले संपर्क टूट गया।
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर उतरने की प्रक्रिया का जीवंत प्रसारण देखने के लिए इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेंट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) केन्द्र में मौजूद बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए श्री मोदी ने कहा, “ जीवन में बड़ा लक्ष्य रखें और लक्ष्य हासिल करने के मार्ग में कभी निराशा को न आने दें।”
प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहा,“ जीवन में बड़ा लक्ष्य रखें और उसे छोटे-छोटे लक्ष्यों में विभाजित कर लें। इन छोटे-छोटे लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास करें और उन्हें एकत्र करें। यह भूल जाएं कि आपने क्या खोया और रास्ते में कभी निराशा को न आने दें।”