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इस साल 81 राष्ट्रों की जनसंख्या से अधिक बोर्ड परीक्षार्थी, कई बड़े देश की जनसंख्या भी कम

प्रयागराज 
दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा कराने वाली संस्था यूपी बोर्ड से 2020 की परीक्षा में शामिल हो रहे छात्र-छात्राओं की संख्या दुनिया के 81 देशों की अपनी जनसंख्या से भी अधिक है। 18 फरवरी से प्रस्तावित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए इस साल 56,01,034 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।

परीक्षा की व्यापकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड परीक्षार्थियों की संख्या विश्व के 194 देशों में से 81 (42 प्रतिशत देशों) की जनसंख्या से भी ज्यादा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनियाभर के विभिन्न देशों की 2017 में जनसंख्या का जो अनुमान लगाया था उसके मुताबिक 81 देश ऐसे हैं जहां 56 लाख या उससे कम लोग हैं। इस साल बोर्ड परीक्षार्थियों की संख्या में लगभग दो लाख छात्र-छात्राओं की कमी हुई है। मजे की बात यह है कि 31 देश ऐसे हैं जिनकी कुल जनसंख्या छह लाख नहीं है। 2019 की परीक्षा के लिए 5795756 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे जबकि 2020 में यह संख्या 56,01,034 है।

कई बड़े देश की जनसंख्या भी कम:आंकड़ों की बात करें तो कई बड़े देशों की जनसंख्या यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों से कम पड़ जाएगी। फिनलैंड व स्लोवाकिया में क्रमश: 55 व 54 लाख, नार्वे में 53, न्यूजीलैंड, फिलिस्तीन व आयरलैंड की आबादी 49-49 लाख है।

साढ़े पांच हजार बच्चों से हुई थी शुरूआत:यूपी बोर्ड की शुरुआत महज 5744 (5655 हाईस्कूल व 89 इंटर) परीक्षार्थियों से हुई थी। 1921 में स्थापित यूपी बोर्ड ने पहली सार्वजनिक परीक्षा 1923 में कराई थी। उस वक्त 10वीं के लिए 179 और 12वीं की परीक्षा के लिए एक केंद्र बनाया गया था। धीरे-धीरे परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ती गई।

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