दावोस
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर से भारत की याद आई। उन्होंने बुधवार को कहा कि जब भारत के साथ उनके देश के संबंध सामान्य हो जाएंगे, तब दुनिया को पाकिस्तान की आर्थिक संभावनाओं के बारे में पता चलेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से ये रिश्ते बेहतर नहीं हैं।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2020 में बुधवार को अपने विशेष संबोधन में इमरान खान ने कहा कि उनका दृष्टिकोण पाकिस्तान को एक कल्याणकारी देश बनाने का है। हालांकि, शांति और स्थिरता के बिना आर्थिक वृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ शांति के लिए किसी भी अन्य देश के साथ भागीदारी करने को तैयार हैं। उन्होंने अमेरिका के साथ संबंध को ऐसी ही भागीदारी बताया।
इमरान ने कहा, 'हमारा दूसरा सबसे बड़ा पड़ोसी भारत है। दुर्भाग्य से भारत से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं। मैं उन सब बातों में नहीं जाना चाहता हूं, लेकिन एक बार भारत के साथ हमारे रिश्ते सामान्य होने के बाद दुनिया को पाकिस्तान की वास्तविक रणनीतिक उपयोगिता का पता चलेगा।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास पहाड़ी पर्यटन की व्यापक क्षमता है। साथ ही हमारे पास हिंदुओं और बौद्ध सहित धार्मिक पर्यटन के लिए काफी संभावनाएं है।
इमरान ने कहा, 'पाकिस्तान मुझसे सिर्फ पांच साल बड़ा है। हमारे संस्थापक पाकिस्तान को इस्लामिक कल्याणकारी देश बनाना चाहते थे। जब मैं किशोर था तो मुझे कल्याण का मतलब नहीं पता था। जब मैं इंग्लैंड गया तब मुझे इसका मतलब पता चला। उस समय मैंने फैसला किया कि जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं पाकिस्तान को कल्याणकारी बनाने के लिए काम करूंगा।'