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इधर नागरिकता बहस, उधर डोभाल थे चौकस

नई दिल्ली
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पास कराने के लिए सरकार विपक्ष के हर तर्क और सवालों का जवाब देते हुए सदन में अपना गणित मजबूत कर रही थी। उधर, केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी पीएमओ के नेतृत्व में हालात पर लगातार नजर रख रहे थे। प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ एनएसए अजीत डोभाल भी पूरी तरह से सक्रिय दिखाई दिए और उन्होंने कई बैठकें भी की।

इस बिल को पेश करने के दौरान खासकर असम और त्रिपुरा से जिस तरह हिंसक आंदोलन की खबरें सामने आईं, उसके बाद दिल्ली में पूरी सतर्कता बरती गई। एनएसए अजीत डोभाल ने दिन में दो बार मीटिंग ली। पीएमओ पल-पल हालात का जायजा ले रहा था। सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा जा रहा था। हालांकि सरकार की ओर से साफ निर्देश दिए गए थे कि आंदोलन के साथ बहुत ही नरमी के साथ पेश आएं।

असम सरकार को भी हर घंटे राज्य के अलग-अलग हिस्से से मिल रही फीडबैक के बारे में अपडेट करने को कहा गया। सबसे बड़ी सावधानी सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों को लेकर बरती जा रही थी। सरकार ने इसके लिए अस्थाई सेल को गठन किया जहां से इससे जुड़े तमाम गलत संदेशों को रियल टाइम काउंटर करने को कहा गया। एक अधिकारी ने माना कि उम्मीद से अधिक उग्र प्रतिक्रिया असम से आई है। लेकिन सरकार उम्मीद कर रही है कि अगले एक-दो दिनो में हालात सामान्य हो जाएंगे।

चलेगा जागरूकता अभियान
सूत्रों के अनुसार बिल के पास होने के बाद सरकार पूरे देश में इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाएगी। इसके लिए योजना पहले से ही बन चकी है। खासकर नार्थ-ईस्ट राज्यों में होम मिनिस्ट्री और दूसरे संबंधित मंत्रालयों की ओर से इस बिल के बारे में समझाने के लिए खास अभियान होगा। इसे सरकार जल्द से जल्द शुरू करने की योजना बना रही है।

मोदी-शिंजो अबे सम्मेलन पर संदेह के बादल
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर-पूर्व राज्यों खासकर असम में जिस तरह विरोध हो रहा है उस कारण गुवाहाटी में 15 दिसंबर को पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो अबे के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन संदेह के बादल घिरने लगे हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार को लगता है कि वहां हालात एक-दो दिनों में ठीक हो जाएगी। गुवाहाटी में इस सम्मेलन की तैयारी के लिए बहुत ही खास इंतजाम किए जा रहे हैं। पूरे शहर को सजाया जा रहा है। अगर हालात अगले एक दिन में नहीं ठीक होते हैं तो सम्मेलन को दिल्ली या भुवनेश्वर शिफ्ट करने क प्लान बी भी तैयार कर लिया गया है।

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