भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मंगलवार से छह मार्च तक इसरो (भारती अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की नैनो सेटेलाइट बनाने के लिए प्रदेश भर के इंजीनियरिंग कालेजों में पढ़ने वाले ढाई सौ विद्यार्थियों का सेमिनार शुरू कर रहा है। इसके लिए इशरो के डेढ दर्जन पूर्व वैज्ञानिकों को बुलाया गया है। इसमें सीए प्रभाकर, जीआर हथवार, एम वेकेंट राओ, महेंद्र नायक, एमव्ही कानन, मनोहर एन सोन्नादा, आरके राजंगम, रंगनाथ एस इक्कुंडी, एस रंगराजन, श्री बीआर आनदं मुर्ती, एए बोकिल सहित अन्य पूर्व वैज्ञानिक शामिल होंगे।
आरजीपीवी अपने विद्यार्थियों को इशरों की मदद से नये भविष्य देने जा रहा है। इशरो की नैनो सेटेलाइट तैयार करने के लिए आरजीपीवी विद्यार्थियों से सेटेलाइट तैयार करने से लेकर उनके छोटे छोटे उपकरण तैयार कराएगा। यहां तक उसकी लांचिंग करने तक की पूरी तैयारी विद्यार्थियों से कराएगा। इसके लिए आरजीपीवी इशरो से प्रोजेक्ट तक ले रहा है। इसकी शुरुआत इशरो से रिटायर हुए वैज्ञानिकों के अनुभव कल से शुरू होने वाले सेमिनार से किया जाएगा। जहां विद्यार्थियों को पांच से 12 किलो तक की नैनो सेटेलाइट तैयार करने प्रशिक्षण देने के साथ कई सवालों का निराकरण किया जाएगा।
282 विद्यार्थियों ने कराया पंजीयन
आरजीपीवी ने इशरो की नैनो सेटेलाइट तैयार की व्यवस्था जमाई है। इसमें आरजीपीवी प्रदेश के डेढ विद्यार्थियों को सहयोग करने का मौका मिलेगा। इसमें प्रदेश के सरकारी कालेज के साथ आरजीपीवी से संबद्धता प्राप्त कालेजों के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। कल से शुरू होने वाले सेमिनार में 282 विद्यार्थियों के पंजीयन किए गए हैं। आरजीपीवी उनका एग्जाम लेकर इंटरव्यू करेगा। इसमें से सर्वश्रेष्ठ 16 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। ये 16 विद्यार्थी मिलकर इशरो की नैनो सेटेलाइट दो साल में तैयार करेंगे। हालांकि आरजीपीवी ने इशरो से तीन साल का समय मांगा है। नैनो सेटेलाइट तैयार करने के लिए इशरो पूरी आर्थिक मदद करेगा।
वर्जन
इशरो की नैनो सेटेलाइट तैयार करने के लिए पूर्व वैज्ञानिकों से तीन दिनी सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद नैनो सेटेलाइट के प्रोजेक्ट लेकर विद्यार्थियों से पूरा कराया जाएगा।
डॉ. सुनील कुमार गुप्ता
कुलपति, आरजीपीवी