भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने संबंधी जो भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही है, वह सरासर गलत है। राज्य शासन ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश में आज भी आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है। आदिवासियों के सभी हितों का संरक्षण करने के लिए सरकार कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति दे दी है। यह अफवाह निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलायी जा रही है, जो न केवल असत्य है बल्कि आधारहीन भी है। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं हैं और न ही इस प्रावधान में कोई बदलाव किया गया है।
प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी आदिवासी की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते। मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठायेगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है और जिसको लेकर भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही है वह सिर्फ यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय-सीमा थी, उसे समाप्त किया गया है।