मध्य प्रदेश

आत्मानिर्भर भारत-विनिर्माण में सहयोग कार्यशाला में भेल ने बताई अपनी क्षमताएं

विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता विकसित करने के उद्देश्य से ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन

भोपाल. भारी उद्योग विभाग (डीएचआई), भारत सरकार द्वारा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता विकसित करने के उद्देश्य से ऑनलाइन कार्यशाला ‘आत्मानिर्भर भारत-विनिर्माण में सहयोगÓ का आयोजन किया गया। इस तरह के अपने पहले कार्यक्रम में, भारतीय विनिर्माण संगठनों को स्वदेशी विनिर्माण में सहयोग बढ़ाने के लिए एक साथ देखा गया। कार्यशाला का उद्देश्य आयातों के पीछे प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए सहयोगी अनुसंधान एवं विकास द्वारा समाधान खोजने के लिए उद्योगों में परिसंपत्तियों के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देना है।

कार्यशाला में 120 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग
अरुण गोयल, सचिव (एचआई), कार्यशाला में अध्यक्ष के रूप में मौजूद रहे। कार्यशाला में 120 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें (डीएचआई) के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियां और बहुराष्ट्रीय विनिर्माण कंपनियों के साथ ही व्यापार संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल रहे। भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने कार्यशाला के दौरान अपनी क्षमताओं को रेखांकित करते हुए प्रेजेंटेशन दिया।

प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म भी विकसित किए जा रहे
2025 तक विनिर्माण क्षेत्र से जीडीपी में 25 प्रतिशत योगदान के भारत सरकार के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए, सचिव (एचआई) ने कहा कि यह कार्यशाला आत्मानिर्भर भारत की लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से विभिन्न भारतीय संगठनों के बीच नियमित रूप से बातचीत शुरू करने और सहयोग के लिए एक पहल थी। उन्होंने कहा कि डिजाइन, आरएंडडी, प्रोटोटाइप, विनिर्माण और परीक्षण के लिए कई सीपीएसई में उपलब्ध सुविधाओं को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच निर्बाध उपलब्ध कराया जा सकता है, जिसके लिए प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म भी विकसित किए जा रहे हैं।

भेल ने विनिर्माण और परीक्षण क्षमताओं को रेखांकित किया
भेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, डॉ. नलिन सिंघल ने भेल के अनुसंधान एवं विकास, इंजीनियरिंग, विनिर्माण और परीक्षण क्षमताओं को रेखांकित किया और कंपनियों को इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मिशन को प्राप्त करने के लिए भेल के साथ जुडऩे के लिए आमंत्रित किया। गैर-बिजली क्षेत्र की कंपनियों के प्रतिभागी, साथ ही आयातित घटकों/सब-असेंबली/असेंबली पर निर्भर ग्राहक, जो अपनी आपूर्ति श्रृंखला को स्वदेशी करने के लिए तत्पर हैं, उन्होंने भेल के साथ काम करने में गहरी रुचि दिखाई। सीएमडी भेल ने विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की पहचान करने और पैमाने को प्राप्त करने के लिए समग्र मांग की आवश्यकता पर जोर दिया।

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