भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ के मुख्य आतिथ्य में 11 फरवरी को मिंटो हॉल में राष्ट्रीय जल सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। जल-पुरूष राजेन्द्र सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से पानी और पर्यावरण से जुड़े विषय-विशेषज्ञ मध्यप्रदेश "जल का अधिकार अधिनियम" लागू करने के संदर्भ में विस्तृत चर्चा करेंगे।
मंत्री पांसे करेंगे शुभारंभ
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे 11 फरवरी को सुबह 10.30 बजे राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। झारखण्ड के पूर्व मंत्री सरयू राय, कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी.आर. पाटिल, तेलगंगा जल बोर्ड के अध्यक्ष प्रकाश राव, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जल सम्मेलन में भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ "राइट टु वाटर अग्रणी मध्यप्रदेश" विषय पर सम्मेलन को द्वितीय सत्र में दोपहर एक बजे सम्बोधित करेंगे। सम्मेलन में चार सत्र होंगे। पहले सत्र में लीगल एक्सपर्ट अनूप सराफ परम्परागत जल स्रोतों का महत्व एवं उनका पुनरूत्थान विषय पर अपनी बात रखेंगे। द्वितीय सत्र में विश्व बैंक के अनिल सिन्हा, जल का अधिकार-बहु सहयोगियों के माध्यम से क्रियान्वयन विषय पर व्याख्यान देंगे। इसी सत्र में "विश्व जल बैलेंस-पांडिचेरी मॉडल पर राष्ट्रीय पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान के डॉ. कृष्णा खेरनार का प्रस्तुतीकरण होगा।
सम्मेलन का तृतीय सत्र "म.प्र. में नदी पुनरूत्थान अभियान" विषय पर, प्रदेश के लिए उपयोगी उत्कृष्ट विधियाँ, सफलता की कहानियाँ और जल का अधिकार क्रियान्वयन में समुदाय और स्वशासी संस्थानों की भूमिका पर केन्द्रित होगा।
सम्मेलन के चौथे और अंतिम सत्र में सम्मेलन में प्रस्तुत विचारों पर खुली चर्चा होगी। सम्मेलन का समापन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल करेंगे।