रायपुर
सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने आज धरसींवा विकासखंड के ग्राम भनपुरी एवं सांकरा के आंगनबाड़ी केंद्रों तथा यहां संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का निरीक्षण किया। भनपुरी आंगनबाड़ी केंद्र में लक्ष्य सुपोषण योजना अंतर्गत कुपोषित बच्चों के लिए जन सहयोग से संचालित योजना का अवलोकन कर उन्होंने हितग्राहियों के साथ चर्चा भी की।
उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र की स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा तथा महतारी जतन योजना एवं रेडी टू ईट की गुणवत्ता का निरीक्षण भी किया। लक्ष्य सुपोषण योजना अंतर्गत बहुत कम समय में भनपुरी सेक्टर में 29 गंभीर कुपोषित बच्चों में से 2 बच्चे सामान्य श्रेणी में तथा 8 बच्चे मध्यम श्रेणी में आ गए हैं ।इन सभी हितग्राहियों से उन्होंने चर्चा कर योजना के उपयोगिता के संबंध में भी जानकारी ली । भनपुरी में वर्ल्डविजन के द्वारा निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र का अवलोकन कर वहाँ के शौचालय को बच्चों के लिए सुविधायुक्त बनाने के निर्देश भी दिए ।
उल्लेखनीय है कि लक्ष्य सुपोषण योजना के अंतर्गत जिले में 819 अति कुपोषित बच्चों को लक्षित किया गया है। जिनमें से विगत एक माह में 12 बच्चे पूर्णता सुपोषित हो चुके हैं तथा 173 बच्चे मध्यम सुपोषण की श्रेणी में आ गए हैं तथा शेष बच्चों का वजन भी 300 से 500 ग्राम तक बढ़ा है।
सचिव परदेशी ग्राम साकरा में भी मुख्यमंत्री सुपोषण योजना अंतर्गत 15 से 49 वर्ष की एनिमिया पीड़ित महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले गर्म भोजन व्यवस्था का निरीक्षण किया ।उक्त ग्राम में 50 महिलाएं 10 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन की एनीमिया पीड़ित है ।कुपोषित तथा एनीमिया पीड़ित महिलाएं प्रतिदिन मंगल भवन में उपस्थित होकर भोजन प्राप्त कर रही हैं।
भोजन के मीनू का भी सचिव ने अवलोकन किया तथा स्वास्थ्य विभाग के एएनएम और ग्राम के सरपंच से इस विषय में विस्तार से चर्चा की । निरीक्षण के दौरान उन्होंने कुपोषित बच्चों को गर्म भोजन भी परोसा तथा उनके साथ बैठकर भोजन भी किया।उपस्थित महिलाओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा प्रारंभ की गई इस योजना को अत्यंत लाभकारी बताया । जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सफल संचालन के लिए कलेक्टर एस भारती दासन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गौरव सिंह को बधाई दी।
ज्ञात हो वर्तमान में रायपुर जिले के 408 ग्राम पंचायतों में से 397 पंचायतों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन 2 अक्टूबर से किया जा रहा है स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 10 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन की 8535 महिलाओं में से विगत एक माह में ही 2604 महिलाओं का हीमोग्लोबिन का प्रतिशत बढ़ा है तथा महिलाएं अब एनीमिया पीड़िता की श्रेणी से बाहर हो गई है।