आंखों में झाई होना सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह वास्तव में बेहद आम है और इससे आपकी आंखों को किसी तरह की हानि नहीं होती। हालांकि बहुत ही कम मामलों में यह एक प्रकार के कैंसर में बदल सकता है, जिसे मेलेनोमा कहा जाता है। इसलिए चाहे आई फ्रेकल्स(आंखों के धब्बे) पुराने हों या नए, उनकी जांच जरूर करवानी चाहिए। आई फ्रेकल्स आंखों में मौजूद स्पॉट को कहा जाता है। कई बार यह आपको नजर आ भी सकता है और नहीं भी। यह आपकी आई बॉल से लेकर बाहरी हिस्से पर कहीं भी हो सकता है। आमतौर पर आई फ्रैकल्स कई तरह का होता है। इनमें से एक को तकनीकी रूप से नेवस कहा जाता है। नेवस का अर्थ होता है तिल। इन्हें स्पॉट करना काफी आसान है। वहीं अन्य आई फ्रैकल्स आपकी आंखों के पीछे छिपे होते हैं और इसे एक आई स्पेशलिस्ट ही देख पाता है और इसलिए इन फ्रैकल्स के बारे में आंखों की जांच करवाने पर ही पता चलता है।
जन्म से भी हो सकता है
आई फ्रैकल्स कई कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि जन्म से ही आपको आई फ्रैकल हों या फिर जन्म के बाद भी जैसे-जैसे आप बढ़ते हैं, यह भी विकसित हो सकता है। स्किन पर होने वाली झाइयों की ही तरह आई फ्रैकल्स भी मेलानोसाइट्स के कारण होते हैं। इसके अतिरिक्त सूरज की किरणें भी नेवस को बढ़ा सकती हैं। आइरिस नेवस भी धूप के कारण बढ़ सकते हैं। 2017 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने अधिक समय धूप में बिताया, उनमें आइरिस फ्रैक्ल्स अधिक थे।
अधिकतर मामलों में आई फ्रैकल्स होने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता। यह ठीक उसी तरह होते हैं, जिस तरह आपकी स्किन पर फ्रैकल्स होते हैं। यह आपके विजन या अन्य आंखों की समस्याओं का कारण नहीं बनते। लेकिन फिर भी यह बेहद जरूरी है कि आप आई स्पेशलिस्ट को एक बार जरूर दिखाएं। कभी-कभी यह मेलानोमा हो सकता है और इसलिए आपको इलाज की जरूरत पड़ती है। आई स्पेशलिस्ट डॉ. रत्नामाला मृणालिनी कहती हैं कि आमतौर पर आई फ्रैकल्स हानिरहित होते हैं। लेकिन अगर आपको आंखों में मौजूद पिग्मेंट का साइज तेजी से बढ़ता हुआ नजर आए या फिर आंखों में किसी तरह की दिक्कत हो तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से सपंर्क करें।
पहचानें लक्षण
कंजंक्टिवल नेवी अक्सर आखों के सफेद भाग पर साफतौर पर दिखाई देते हैं। इसका अन्य कोई लक्षण नजर नहीं आता। यह स्थिर बने रहते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ती उम्र में या गर्भावस्था के दौरान इनका रंग बदल सकता है। आइरिस नेवी आमतौर पर आंखों को चेक करते समय ही सामने आते हैं। वे आमतौर पर नीली आंखों वाले लोगों में होते हैं और इन व्यक्तियों में अधिक आसानी से देखे जाते हैं। कोरोइडल नेवी होने पर कोई लक्षण नजर नहीं आते, हालांकि यह तरल पदार्थ का रिसाव कर सकते हैं।
तीन तरह के होते हैं फ्रैकल्स
कोरोइडल नेवस: आपकी आंख के पीछे
आइरिस नेवस: आपकी आंख के रंगीन हिस्से में
कंजंक्टिवल नेवस: आपकी आंख की सतह पर