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अशोका खेमका का फिर तबादला, 28 साल में 53वां ट्रांसफर

चंडीगढ़
हरियाणा सरकार के विज्ञान और तकनीक मंत्रालय में प्रमुख सचिव अशोक खेमका का फिर तबादला कर दिया गया है। खेमका को अ‍ब आर्काइब डिपार्टमेंट में भेज दिया गया है। पिछले 28 साल की प्रशासनिक सेवा में अशोक खेमका का यह 53वां ट्रांसफर है। इससे पहले मार्च में ही खेमका का खेल और युवा मामलों के मंत्रालय से ट्रांसफर हुआ था जहां वह करीब 15 महीने तक रहे थे।

ट्रांसफर की जानकारी देते हुए खेमका ने ट्वीट किया, 'फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं। कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे, अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का इनाम जलालत।' 1991 बैच के आईएस अधिकारी अशोक खेमका रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ की जमीन डील को रद्द करने के बाद चर्चा में आए थे। कई बार उनका तबादला ऐसी भी जगहों पर किया जा चुका है जहां जूनियर अफसर भेजे जाते हैं।

इस बाबत खेमका कह भी चुके हैं कि सरकार किसी भी पार्टी की रही हो उन्हें हर बार अपनी ईमानदारी की सजा भुगतनी पड़ती है। उनकी पहली पोस्टिंग वर्ष 1993 में हुई थी। उनके पूरे कार्यकाल में उनकी अधिकतर पोस्टिंग कुछ महीने ही चलीं। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग विभागों में कई पोस्‍ट ऐसी संभालीं, जोकि महीने भर या उससे भी कम समय के लिए थीं।

सीएम मनोहर लाल ने घटा द‍िए थे खेमका के अंक
खेमका ने हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा उनके एसीआर में नंबर कम करके नकारात्मक टिप्पणी करने को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले खेमका ने कैट में गुहार लगाई थी लेकिन कैट ने खेमका की याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद खेमका ने कैट के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस बार मामला उनकी 2016-17 की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एसीआर) से जुड़ा था।

एसीआर में सीएम मनोहर लाल ने खेमका के अंक घटाते हुए प्रतिकूल टिप्पणी की थी। इससे पदोन्नति रुकने का खतरा देख खेमका ने कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) में अर्जी लगाई लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। बाद में उन्‍हें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने राहत दे दी। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि वह खेमका की एसीआर में से नकारात्मक टिप्पणी को तुरंत हटाए।

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