नई दिल्ली
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को सभी नागरिकों के लिए एक बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र का विचार रखा जिसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी हों। शाह ने यह भी कहा कि जनगणना 2021 के आंकड़े मोबाइल एप के जरिए जुटाए जाएंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह की प्रणाली भी होनी चाहिए जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अद्यतन हो जाए। उन्होंने कहा, ''आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है। इसकी संभावनाएं हैं।"
जनगणना को अमित शाह ने देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए आधार बताते हुए कहा, "जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन बिल्डिंग होगी, भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरूरत है।"
अमित शाह ने कहा, "सरकार इस बार की जनगणना में अभी तक का सबसे ज्यादा व्यय करने जा रही है। हम इस बार की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने में करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहे हैं। तकनीक के आधुनिक रूप का उपयोग करते हुए 2021 में डिजिटल तरीके से जनगणना की जाएगी।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है। उन्होंने कहा कि "पेपर जनगणना से डिजिटल जनगणना का transformation होने का काम 2021 की जनगणना के बाद समाप्त होगा। जनगणना का डिजिटल डाटा उपलब्ध होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।"
अमित शाह ने कहा, "साल 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजना भी जनगणना से ही जन्म लेती है। कम लिंगानुपात वाले राज्यों में जन जागृति फैलाना, गर्भपात के कानून को कठोर बनाना, जैसे कई प्रयास किये जाते हैं।"