नई दिल्ली
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अनुशासनात्मक पैनल ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए पिछले साल राष्ट्रीय भाला फेंक ओपन चैंपियनशिप के दौरान डोप नमूने के लिए अपनी जगह किसी और को भेजने पर हरियाणा के अमित दाहिया को चार साल के लिए प्रतिबंधित किया है।
हरियाणा के सोनीपत में 16 अप्रैल 2019 को हुई इस प्रतियोगिता में दाहिया 68 .21 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। नाडा के अधिकारियों ने इसके बाद 21 साल के दाहिया को डोप नमूने देने को कहा था, लेकिन अपनी जगह उन्होंने नूमना देने के लिए किसी और को भेज दिया।
सत्यापन प्रक्रिया के दौरान नाडा के डोप नमूने एकत्रित करने वाले अधिकारियों को पता चला कि मूत्र के नमूने देने के लिए आया व्यक्ति कांस्य पदक विजेता नहीं है। इस योजना की विफलता के बारे में जानकार वह व्यक्ति उस कमरे से भाग गया जहां नमूने एकत्रित किए जा रहे थे।
अमित दाहिया को पिछले साल 16 जुलाई को अस्थाई तौर पर निलंबित किया गया और नाडा ने उनके मामले को नौ जनवरी को एडीडीपी (अनुशासनात्मक पैनल) के पास भेजा। एडीडीपी ने अब उन्हें अस्थाई निलंबन की तारीख से चार साल तक निलंबित करने का फैसला सुनाया है।
नाडा ने कहा, ''राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने एतिहासिक फैसला करते हुए भाला फेंक के खिलाड़ी अमित दाहिया को सोनीपत के साइ केंद्र में दूसरी राष्ट्रीय भाला फेंक ओपन चैंपियनशिप 2019 के दौरान जानबूझकर नमूना देने से बचने और डोपिंग रोधी अधिकारियों के साथ धोखाधड़ी के प्रयास के लिए सजा सुनाई है।'' एजेंसी ने कहा, ''निलंबन आदेश पारित किया गया है, जिसमें अमित दाहिया को अस्थाई निलंबन की तारीख से चार साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया।''