छत्तीसगढ़

“अब “हॉस्टल” से बाहर रहे “अधीक्षक” तो खैर नहीं,कलेक्टर ने ली छात्रावास अधीक्षकों की क्लास…?

जशपुर
कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने जिले के समस्त छात्रावास एवं आश्रमों के अधीक्षकों की बैठक लेकर छात्रावास की व्यवस्था की गहन समीक्षा की। कलेक्टर ने समस्त छात्रावास अधीक्षकों को अनिवार्य रूप से हाॅस्टल परिसर में ही निवास करने तथा बिना अनुमति अवकाश पर न जाने के निर्देश दिए।कलेक्टर ने बैठक में छात्रावासों के आवास एवं रसोई कक्ष के साथ ही पूरे परिसर की साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान देने तथा प्रत्येक छात्र का प्रोफाईल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधीक्षकों को छात्रावासी बच्चों का नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराने के साथ ही बीमार बच्चों के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण एवं एनीमिया से पीड़ित बच्चों की जानकारी सहायक आयुक्त को भिजवाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर ऐसे बच्चों के इलाज एवं  खान-पान का ध्यान रखा जाए। छात्रावासों एवं आश्रमों में किचन गार्डन एवं बागवानी, लाईब्रेरी, की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक छात्रावास अधीक्षक का यह प्रयास होना चाहिए कि उसका हाॅस्टल आदर्श हाॅस्टल के रूप जाना जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एक मूल्यांकन के माध्यम से आदर्श आश्रमों एवं छात्रावासों का चयन किया जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले अधीक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। वहीँ सभी छात्रावास अधीक्षकों को छात्रावास व आश्रम में रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं ।

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