गाजियाबाद
रिटायरमेंट के दिन हेलिकॉप्टर से घर आने का नरेंद्र कुमार का सपना टूट गया। उल्टा नई मुसीबत दे गया। दरअसल नरेंद्र कुमार गाजियाबाद नगर निगम में पंप ऑपरेटर के पद से 31 अगस्त को रिटायर हुए। इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए उन्होंने गाजियाबाद से मोदीनगर स्थित अपने गांव अतरौली हेलिकॉप्टर से जाने का प्लान बनाया था।
उन्होंने हेलिकॉप्टर बुक करने के साथ प्रशासन से एनओसी लेने के लिए एक एजेंट को 4.5 लाख रुपये एडवांस के रूप में दिए थे। लेकिन ऐन मौके पर एनओसी नहीं मिली और एजेंट को दिए रुपये भी अब वापस नहीं मिल रहे। नरेंद्र कुमार अब इस मामले में नगर निगम में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरेंद्र नागर से शिकायत कर एजेंट से रुपये वापस दिलाने की सिफारिश की। वहीं हरेंद्र नागर का कहना है कि उस एजेंट से बात की जाएगी, अगर नहीं बात बनी तो पुलिस की मदद ली जाएगी।
पत्नी की इच्छा के चलते बनाया था प्लान
नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने 33 साल तक नौकरी की है। उनको बाइक भी चलानी नहीं आती है। उनकी इच्छा नहीं थी कि वह ऐसा कुछ प्लान बनाएं, लेकिन पत्नी ने रिटायरमेंट यादगार बनाने को कहा। वह बोलीं कि तुम रिटायर होगे तो गाजियाबाद से हेलिकॉप्टर में गांव आना।
रोड़ा बनी पुलिस
कविनगर रामलीला ग्राउंड से उड़ान भरने में पुलिस सबसे बड़ा रोड़ा बनी। नरेंद्र कुमार का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस ने एनओसी नहीं दी। इसी के चलते रिटायरमेंट के दिन हेलिकॉप्टर से गांव नहीं जा पाया। जबकि गांव में हेलीपेड बन गया था, इस पर अलग से 25 हजार रुपये खर्च किए गए थे।