लखनऊ
अब तक स्नाइपर और असॉल्ट राइफल पूरी तरह से देसी नहीं हैं। या तो तकनीक विदेश से ली जा रही है या फिर पूरी मैन्युफैक्चरिंग ही बाहर से करवाई जा रही है। पहली बार बेंगलुरु की एसएसएस डिफेंस कंपनी 'मेक इन इंडिया, डिजाइन इन इंडिया और डिवेलप इन इंडिया' के फॉर्म्यूले के तहत ये राइफल तैयार कर रही है। भारतीय सेना के जवान जल्द ही देश में बनी इन राइफल्स से दुश्मनों का मुकाबला करते दिख सकते हैं। राइफलों को सेना में फाइनल टेस्टिंग के लिए भेजने की कवायद शुरू हो गई है। एक्सपो में पहले ही दिन छह अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी सेना में इस स्नाइपर शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश मचानी और सीईओ विवेक कृष्णन बताते हैं कि एसएसएस डिफेंस पहली ऐसी कंपनी है जो कई वर्षों से विदेशी कंपनियों को हथियारों में इस्तेमाल होने वाली स्प्रिंग सप्लाई करती आ रही है। भारत में किसी कंपनी ने पहली बार कार्बाइन व असॉल्ट राइफलों की सीरीज तैयार की है। पहले परीक्षण से साफ हो गया है कि सेना के पैरामीटर पर सभी राइफलें फिट हैं। इन्हें जल्द ही अंतिम परीक्षण के लिए सेना को भेजा जाएगा।
2000 मीटर तक अचूक निशाना
कंपनी के विशेषज्ञ अभिजीत ने बताया कि कंपनी ने 338 सेबर स्नाइपर राइफल की दो रेंज तैयार की हैं। 338 सेबर मार्क-1 को अपडेट कर मार्क-2 बनाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, दोनों स्नाइपर्स के आकार में फर्क है, लेकिन ये 1500 से 2000 मीटर तक अचूक निशाना लगा सकती हैं। डिजिटल दूरबीन से ये रात में भी कारगर हैं।
असॉल्ट राइफल की रेंज 1000 मीटर
कंपनी ने असॉल्ट राइफल 7.62×51 वाइपर और 7.42×51 वाइपर भी तैयार की है। इनकी रेंज एक हजार मीटर तक है। वहीं, राइफल पी72 आरईसीआर 300 मीटर और पी72 कार्बाइन 200 से 250 मीटर तक अचूक निशाना लगा सकती हैं। देश में बनी होने से इनकी कीमत भी विदेशी राइफलों से कम है। कंपनी ने इनकी गोलियां व मैगजीन भी तैयार की हैं।
छह देशों से एमओयू की तैयारी
कंपनी के विशेषज्ञों के मुताबिक, एक्सपो के पहले दिन बुधवार को ताइवान समेत छह देशों के प्रतिनिधियों ने 'मेड इन इंडिया' राइफलों को लेकर बैठक की। अगली बैठक गुरुवार को होनी है। 12 अन्य डेलिगेट्स ने भी संपर्क किया है। जिन देशों के प्रतिनिधिमंडल से बैठक निर्धारित है, उनके साथ एमओयू भी साइन होने की संभावना है।
600 ग्राम की विदेशी लाइट वेट पिस्टल
एक्सपो में 'मेड इन इंडिया' के साथ विदेश में बने छोटे हथियार भी छाए रहे। ब्राजील की स्मिथ वेसन कंपनी की तारूस पिस्टल, कार्बाइन व स्नाइपर्स राइफल आकर्षण का केंद्र रहे। कंपनी ने एक्सपो में टीएच-9, टीएच-40 और टीएच-380 समेत पिस्टल की बड़ी सीरीज उतारी है। कंपनी के प्रतिनिधि देवेश ने बताया कि इसमें महिलाओं के लिए बनी लाइट वेट (600 ग्राम) पिस्टल भी शामिल है। वहीं, पुरुषों के लिए 690 ग्राम से 800 ग्राम तक की पिस्टल मौजूद हैं। इनमें ट्रैकर, रेजिंग बुल और रेजिंग हंटर अपने लंबे कैलिबर की वजह से आकर्षक लगती हैं।
ग्रेनेड लॉन्चर से रिवाल्वर तक
साउथ अफ्रीका की मिलकर कंपनी ने मल्टिपल ग्रेनेड लॉन्चर की सीरीज लॉन्च की है। इसमें मल्टिपल ग्रेनेड लॉन्चर (एमजीएल-40) काफी खास है। इसकी फायरिंग रेंज 400 मी. और इसकी बैरल 300 मिमी. की है। इसके अलावा कंपनी ने एमजीएल के चार नए वर्जन भी लॉन्च किए हैं। कंपनी के विशेषज्ञ के मुताबिक, इसमें डिजिटल दूरबीन होने से यह दिन और रात दोनों में सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।