नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने कहा कि अब तक 70 लाख से ज्यादा फास्टैग जारी किए गए. मंगलवार को सबसे ज्यादा 1,35,583 टैग की बिक्री हुई. यह एक दिन में बिक्री का सर्वाधिक उच्च स्तर है.
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) कार्यक्रम को देशभर में लागू किया गया ताकि बाधाओं को खत्म करके यातायात को सुगम और शुल्क संग्रह को आसान बनाया जा सके. यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख पहल है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में कहा, 'आज की तारीख तक 70 लाख से ज्यादा फास्टैग जारी किए गए हैं. 26 नवबंर 2019 (मंगलवार) को एक दिन में सबसे ज्यादा 1,35,583 टैग जारी किए गए. इससे पहले एक दिन से सबसे ज्यादा 1.03 लाख टैग जारी किए गए थे.
फास्टैग की बिक्री में भारी इजाफा
फास्टैग जारी करने में रोजाना आधार पर औसतन 330 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह आंकड़ा जुलाई में 8,000 से बढ़कर नवबंर में 35,000 टैग हो गया. बयान में कहा गया है कि फास्टैग को 21 नवबंर को मुफ्त किए जाने के बाद फास्टैग बिक्री में तेजी देखी गई है. फास्टैग को 560 से ज्यादा टोल प्लाजा पर स्वीकार किया जा रहा है तथा इसे और बढ़ाया जा रहा है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वाहनों के लिए फास्ट टैग के रंग निर्धारित कर दिए हैं. इनके आधार पर ही वाहन की पहचान की जाएगी. टोल प्लाजा पर दिए जाने वाले फास्ट टैग भी इसी आधार पर दिए जा रहे हैं.
फास्टैग के बिना एंट्री पर लगेगा जुर्माना
1 दिसंबर यानी अगले महीने से अगर आपकी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगा होगा तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए अगले महीने से नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. इसके लागू होने के बाद फास्टैग के बिना अगर कोई भी वाहन “फास्टैग लेन” में प्रवेश कर रहा है, तो उसे दोगुना टोल टैक्स देना पड़ सकता है.