भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए जो प्रावधान और अधिकार हैं, सभी शासकीय विभागों में उनका सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि सलाहकार मंडल सार्थक हो और इसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो। यह जिम्मेदारी हम सभी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि यह बैठक नियमित रूप से हो। इसके सुझाव और सलाह पर अनुसूचित जाति वर्ग के हित में निर्णय हों। कमल नाथ ने आज 6 साल बाद मंत्रालय में हुई अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक में यह बात कही। सलाहकार मंडल के सभी सदस्यों ने बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ बैठक बुलाई बल्कि समय-समय पर बैठक आयोजित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि विभागीय समीक्षा के दौरान उनके ध्यान में यह बात आई िक वर्ष 2013 से अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की कोई बैठक नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर चूक थी और आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में सलाहकार मंडल की भूमिका और उसकी सार्थकता के साथ एक ऐसी व्यवस्था बने, जो अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान, कानून और अनुसूचित जाति वर्ग के हितों का संरक्षण करने वाली योजनाओं का सख्ती से पालन हो। कमल नाथ ने कहा कि अनुसूचित वर्गों को लाभ पहुंचाने में हम कहाँ असफल हो रहे हैं, इसके सुझाव भी मिलें, ताकि उन कमियों को दूर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हमारी योजनाओं की क्रियान्वयन प्रक्रिया ठीक नहीं है। इसमें व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सलाहकार मंडल के सिस्टम में बदलाव होना चाहिए। बैठक के पूर्व सदस्यों के सुझाव प्राप्त किए जाएं। इन सुझावों पर संबंधित विभागों की टीप के साथ बैठक में चर्चा हो, जिससे उन पर निर्णय लिया जा सकें।
सलाहकार मंडल के उपाध्यक्ष एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने सफाई कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार लाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कम संख्या वाली अनुसूचित जाति के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र मिलने में होने वाली असुविधाओं का निदान करने को कहा।
चिकित्सा शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति मूलक योजनाओं के लिए जो पैसा जाता है, वह उन्हीं वर्गों के कल्याण पर खर्च हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित वर्गों के बच्चों की शिक्षा में भी व्यापक सुधार लाने की आवश्यकता है। डॉ. साधौ ने अप्रसांगिक योजनाओं को बंद करने का सुझाव दिया।
लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति की बस्तियों के पर्यावरण में सुधार लाना चाहिए ताकि वे अच्छे वातावरण में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के प्रकरणों के निराकरण के लिए त्वरित गति से कार्य करने की आवश्यकता बताई। वर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि अनुसूचित जाति तथा अन्य वर्गों के बीच विवाद के प्रकरणों का निराकरण अदालतों की बजाय आपसी सामंजस्य और सद्भाव के साथ हो। ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिए। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बैकलॉग के पदों पर तत्काल भर्ती करने का सुझाव दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरीने हर जिले में ज्ञानोदय विद्यालय खोलने और शिक्षा में सुधार लाने का सुझाव दिया। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवीने कहा कि अनाथ आश्रम में रहने वाले बच्चों का भी जाति प्रमाण-पत्र बनाया जाए। छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग के भोजन की राशि में वृद्धि की जाए और इन छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक ही पदस्थ किये जाएं।
विधायक हरिशंकर खटीक, हरि सिंह सप्रे, कमलेश जाटव, श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया, जसमंत जाटव, जजपाल, शिवदयाल बागरी, सोहनलाल वाल्मीक, महेश परमार, रामलाल मालवीय एवं मनोज चावला ने भी सुझाव दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन के.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।