छत्तीसगढ़

अधोसंरचना विकास एवं पर्यावरण उपकर अधिनियम में संशोधन,राजपत्र में प्रकाशित

रायपुर
राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास एवं पर्यावरण उपकर अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया गया हैं। छत्तीसगढ़ राजपत्र में 4 सितम्बर 2019 को अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास एवं पर्यावरण उपकर अधिनियम 2005 की धारा 3 तथा 4 की अनुसूची एक एवं दो में संशोधन किया गया है। इसके तहत कोयले, लौह अयस्क, लाईम स्टोन, बाक्साईड तथा डोलोमाइट खनि पट्टों के अंतर्गत आच्छादित भूमि पर अब विकास उपकर की दर खनिज प्रेषण पर 11 रूपए 25 पैसे प्रति टन निर्धारित किया गया है। उक्त के अलावा खनि पट्टों के अंतर्गत आच्छादित भूमि पर विकास उपकर की दर वार्षिक देय रायल्टी की 11.25 प्रतिशत राशि निर्धारित किया गया है। उक्त दोनों के अंतर्गत आच्छादित भूमि के अलावा भूमि पर विकास उपकर की दर वार्षिक देय भू-राजस्व या भू-भाटक, यथास्थिति की राशि का 11.25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

इसी तरह कोयले, लौह अयस्क, लाईम स्टोन, बाक्साईड तथा डोलोमाइट खनि पट्टों के अंतर्गत आच्छादित भूमि पर अब पर्यावरण उपकर की दर खनिज प्रेषण पर 11 रूपए 25 पैसे प्रति टन निर्धारित किया गया है। उक्त के अलावा खनि पट्टों के अंतर्गत आच्छादित भूमि पर पर्यावरण उपकर की दर वार्षिक देय रायल्टी की 11.25 प्रतिशत राशि निर्धारित किया गया है। उक्त दोनों के अंतर्गत आच्छादित भूमि के अलावा भूमि पर पर्यावरण उपकर की दर वार्षिक देय भू-राजस्व या भू-भाटक, यथास्थिति की राशि का 11.25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

 

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