मध्य प्रदेश

अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन लगाने आठ सदस्यीय टीम आज से MP के दौरे

भोपाल
पिछले माह प्रदेश में बने बाढ़ और अतिवृष्टि के हालातों के बाद हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्र की आठ सदस्यीय टीम आज से मध्यप्रदेश के दौरे पर है। यह टीम अलग-अलग तीन संभागों के जिलों में जाकर प्रभावितों से बात कर नुकसान की जानकारी लेगी और इसके बाद टीम के सदस्यों की 16 अक्टूबर को राज्य शासन के अफसरों के साथ बैठक हो सकती है। इस टीम के साथ राजस्व और अन्य विभागों के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है जो साथ जाकर प्रभावितों से बात कराने और नुकसान के बारे में जानकारी दिलाने में मदद करेंगे। जांच दल इस बार फसलों के साथ सड़क, पुल पुलियों का भी निरीक्षण करेगा।

केंद्रीय अध्ययन दल में शामिल आठ अफसरों की टीम में से पहली टीम जबलपुर संभाग के जिलों में पहुंची है। दूसरी टीम ग्वालियर और सागर संभाग के जिलों में जाकर हालातों का जायजा लेगी और तीसरी टीम को इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में आई बाढ़ व आपदा की स्थिति की जानकारी लेनी है। अध्ययन दल में शामिल अधिकांश अफसर वहीं हैं जो पिछले माह दौरे पर आए थे। राजस्व विभाग के अफसरों के मुताबिक अध्ययन दल ने इस बार भोपाल में प्रशासनिक अफसरों से बैठक करने की बजाय सीधे फील्ड में जाने का फैसला लिया है। वे तीन दिन तक लगातार पांच संभागों के जिलों में जाकर सर्वे करेंगे।

सागर संभाग पहुंची टीम आज निवाड़ी जिले के ओरछा, निवाड़ी और पृथ्वीपुर में गांवों और सड़क पर बने पुल पुलियों के नुकसान का जायजा ले रही है। इसके बाद 16 अक्टूबर की शाम को इनकी मुख्य सचिव या राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव के साथ एक दौर की बैठक हो सकती है। हालांकि अभी यह तय नहीं है। टीम दिल्ली में अपनी रिपोर्ट देगी जिसके आधार पर राज्य सरकार द्वारा एनडीआरएफ फंड से मांगी गई 9 हजार करोड़ की राहत राशि देने के बारे में फैसला लिया जाएगा।

एमपी में बाढ़ व अतिवृष्टि से हुए नुकसान को लेकर राजस्व विभाग द्वारा तैयार किए गए 6621 करोड़ रुपए के नुकसान के आधार पर मेमोरंडम तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। तब यह तय हुआ था कि केंद्र की टीम दूसरी बार दौरा कर लेगी, इसके उपरांत केंद्र सरकार राहत राशि प्रदान करेगी। इसको लेकर सीएम कमलनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली प्रवास के दौरान मुलाकात भी की थी और तब बारिश का दौर जारी रहने के चलते उन्होंने 9 हजार करोड़ रुपए की राशि रिलीज करने की मांग पीएम से की थी।

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