नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत को दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हुये शनिवार को कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और 2020-21 का बजट आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास तथा संवेदनशील समाज की भावना पर केंद्रिरत है। सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि जीएसटी के लागू होने से 16 लाख नये करदाता जुड़े हैं।
निर्मला सीतारमण ने बजट में की ये नई योजनाएं की घोषणाएं
– जल्द जारी होगी राष्ट्रीय लॉजिस्टक नीति, एकल खिड़की ई-लाजिस्टिक बाजार बनाया जाएगा
– मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण बनाने तथा सेमिकंडक्टर पैकेजिंग के लिए नयी योजना
– 9000 किलोमीटर आर्थिक गलियारा राजपथ का प्रस्ताव
– 'धन लक्ष्मी योजना' की घोषणा की। इसके तहत नाबार्ड के समर्थन से गांवों में महिला स्वंय सहायता समूहों द्वारा भंडारण सुविधाएं चलायी जाएंगी।
– पीपी मॉडल पर 150 ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव
– मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण बनाने तथा सेमिकंडक्टर पैकेजिंग के लिए नयी योजना
– पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय के गठन का प्रस्ताव
– नयी शिक्षा नीति जल्द घोषित की जाएगी
– मत्स्य पालन क्षेत्र में रोजगार बढाने के लिए सागर मित्र योजना
– जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए 'किसान रेल'
– बागवानी फसलों के लिए 'एक जिला एक फसल योजना '
– बीस लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद देगी सरकार
– उच्च निर्यात कर्ज के लिये एक नई योजना शुरू की जा रही है, इसमें अधिक बीमा कवर मिलेगा, छोटे निर्यातकों के लिये प्रीमियम कम होगा और दावा निपटान की प्रक्रिया आसान होगी
– पीएम किसान के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जाएगा
– तेजस की तरह और रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड ट्रेन का काम आगे बढ़ाया जाएगा। – बेंगलुरू उप-नगरीय रेलगाड़ी परियोजना में केंद्र सरकार 20 प्रतिशत शेयर पूंजी लगाएगी
– अगले तीन साल में सभी के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर, बिजली ग्राहकों को वितरण कंपनी चुनने की आजादी-मिलेगी, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिये 22,000 करोड़ रुपये का आवंटन
– उड़ान योजना को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024 तक 100 और हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा
– वित्त मंत्री ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 16 सूत्रीय एजेंडा रखा
– पांच पुरातत्व स्थलों को आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा
– राष्ट्रीय गैस ग्रिड नेटवर्क को 16200 किमी से बढ़ाकर 27000 किमी करने का प्रस्ताव