अध्यात्म मध्य प्रदेश

भगवान से प्रेम तभी होगा, जब संसार की कामनाएं नहीं रहेंगी

You will love God only when there are no worldly desires.
You will love God only when there are no worldly desires.

You will love God only when there are no worldly desires.

भेल जम्बूरी मैदान में हो रही श्रीराम कथा में संत मुरलीधर महाराज ने कहा-
You will love God only when there are no worldly desires: भोपाल. भगवान से प्रेम तभी होगा जब संसार की कामनाएं नहीं रहेंगी, क्योंकि जहां राम हैं वहां काम नहीं रह सकता। सकल समाज वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति द्वारा जबूंरी मैदान भोपाल में आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन संत मुरलीधर महाराज ने कहा कि भगवान राम ने काम को परास्त और समाप्त नहीं किया, बल्कि काम को स्वीकार किया है।

पुष्प वाटिका में राम सीता मिलन प्रसंग का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि यह प्रेम अत्यंत पवित्र है और यह प्रेम वासना से अछूता है, तभी पुष्प वाटिका से लौटकर राम जी ने पूरा प्रसंग गुरु जी को ‘सब कौशिक पाहीं सरल स्वभाव छल छुअत नाहीं’ बताया। यह भक्ति और ज्ञान का मिलन है।

भगवान राम ने काम को स्वीकार कर उसकी महत्ता रखी। कथा में धनुष लीला का वर्णन करते हुए संत मुरलीधर महाराज ने कहा कि वहां मौजूद नगरवासियों को राम भावना स्वरूप दिखे। ज्ञानियों को परम तत्व, हरिभक्तों को आराध्य और असुरों को काल स्वरूप दिखे। वीर वही होता है, जो विनम्र हो। राम जी ने सबसे पहले गुरु को प्रणाम कर धनुष भंग किया। संत मुरलीधर महाराज ने कथा का विस्तार करते हुए परशुराम प्रसंग का वर्णन किया।

सीता विवाह की मांगलिक विधियों के अवसर पर महाराज ने व्यास पीठ से बधाई गीत गाए जैसे- राम गले डालो माला री, झुक जइयो ललन रघुवीर, झिलमिल आन सजइयो री रघुरायी बना को, माता कौशल्या को लाल, राजा दशरथ जी को लाल बनो रे बनरो जैसे मधुर भजनों को सुनकर श्रोता झूम उठे। श्रीराम कथा आयोजन समिति के प्रवक्ता बलवंत सिंह रघुवंशी और हरीश बाथवी ने बताया कि भगवान श्रीराम जी के विवाह उत्सव का माहौल रहा। चारों भाइयों राम, लक्ष्मण भरत, शत्रुघन के विवाह हुऐ तो पूरे पांडाल में श्रोता झूम उठे।

समिति सदस्यों द्वारा सभी राम भक्तों पर फूलों की वर्षा की गई। मुरलीधर महाराज ने विवाह गीत गए तो माता-बहनें, युवतियां नृत्य में भाव विभोर हो गईं। कथा में मुख्य यजमान भगवती-रमेश रघुवंशी, साधना- एएल सिंह, दर्शना-मुकेश शर्मा, रीना-हीरालाल गुर्जर, विभा-ललित पाण्डेय, नेहा-अंकुर सिंघल, सरंक्षक श्याम सुन्दर रघुवंशी, कृष्णा-मदन सिंह रघुवंशी, विजय कुमार दुबे, मोर सिंह राजपूत, मिथलेश गौर, बालमुकुंद रघुवंशी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा 3 दिसंबर तक दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक आयोजित की जा रही है।

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