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जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी

Why should I see the colors of the world, your sight is enough
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भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा का समापन

Why should I see the colors of the world, your sight is enough: भोपाल. राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन समापन पर मोटिवेशनल स्पीकर और भगवताचार्य जया किशोरी ने कथा की शुरुआत में श्रद्धालुओं को प्रेम का महत्व भजन के माध्यम से बताते हुए कहा कि सबसे ऊंची प्रेम सगाई। सबरी के जूठे फल सबरी के खाए, बहुविधि स्वाद बताए, सबसे ऊंची प्रेम सगाई। जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है। आगे की कथा में बताती हैं कि भगवान श्रीकृष्ण शांतिदूत बनकर हस्तिनापुर जाते हैं। वहां मामा शकुनी के कहने पर दुर्याेधन 56 प्रकार के पकवान बनवाता है। लेकिन प्रेम के भूखे भगवान दुर्योधन का मेवा और छप्पन भोग छोडकऱ विदुर के घर जाकर साग रोटी खाते हैं। कथा में बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की सोलह हजार एक सौ आठ रानियां थीं।

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सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए बताया कि सुदामा की शादी हो गई, उनके बच्चे हो गए, इसके बाद उन्हें दरिद्रता आई। और ऐसी आई कि घर में अन्न का एक दाना तक नहीं रहा। पत्नी के कहने पर वे अपने मित्र द्वारिकाधीश से मिलने द्वारका जाते हैं। वहां भगवान श्रीकृष्ण से मुलाकात होती है और एक दिन रुकने के बाद वापस आ जाते हैं और सुदामा के सुख के दिन आते हैं।

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आगे की कथा में जरासंध की कथा सुनाते हुए बताया कि वह जितना पापी था उतना बड़ा दानी भी था। भगवान पांडवों के साथ साधु का रूप धारण कर उसके पास मल्ल युद्ध करने के लिए जाते हैं और उससे वचन मांगते हैं। इस दौरान वह भगवान श्रीकृष्ण को पहचान जाता है और भीम से युद्ध करने की बात कहता है। 27 दिनों तक दोनों के बीच चले युद्ध के बाद भी जरासंध का खरोच तक नहीं आती। इसके बाद भगवान भीम से कहते हैं कि जब युद्ध करने जाना तो हमारे ओर देखना। और युद्ध के दौरान भगवान भीम को एक सीके को तोडकऱ अलग-अलग दिशाओं में फेंकने को कहते हैं। इस तरह जरासंध का वध होता है।

There is nothing in the world greater than selfless love

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जया किशोरी ने बताया कि हमेशा मन की बात माननी चाहिए। जब आप कोई गलती करते हो तो उससे पहले एक बार आपके मन से आवाज आती है कि आप गलत कर रहे हो। आगे की कथा में बताया कि तक्षक नाग को देखते ही राजा परीक्षित की मृत्यु हो जाती है और भगवान उन्हें अपने लोक को लेकर चले जाते हैं। इसके बाद उन्हें नाग राजा परीक्षित के मृत शरीर को काटता है। इसके साथ ही बीते सात दिन से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का समापन हो गया।

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कथा में मुख्य यजमान शुभावती-हीरा प्रसाद यादव और निशा-सुनील यादव रहं। शनिवार को कथा सुनने मेला संरक्षक आलोक शर्मा, गिरीश शर्मा, राजकुमार पटेल, मेला संयोजक अंजली विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, वीरेंद्र तिवारी, मो. जाहिद खान, मधु भवनानी, सुनील शाह, देवेंद्र चौकसे, शैलेंद्र सिंह जाट, दीपक शर्मा, अखिलेश नागर, महेंद्र नामदेव, सुनील वैष्णव, गोपाल शर्मा, दीपक बैरागी, सुमित रघुवंशी, विनय सिंह, आफताब सिद्दीकी, सुभाष दरवई, गौरव जैन, चंदन वर्मा, इंद्रजीत, रेहान खान, केश कुमार शाह, सहित बड़ी संख्या मेंं श्रद्धालु मौजूद रहे।

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