पेरिस
आने वाले चार साल तक रूस किसी भी इंटरनेशनल खेल का हिस्सा नहीं होगा। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने सोमवार को इसपर एकमत फैसला ले लिया है। रूस अब 2020 ओलंपिक, विंटर गेम्स और वर्ल्ड कप 2022 में हिस्सा नहीं ले पाएगा। डोपिंग के चलते रूस के खिलाफ ये कड़ा फैसला लिया गया है।
अगले साल टोक्यो में ओलंपिक गेम्स होंगे और अब रूस इसका हिस्सा नहीं होगा। वाडा के बोर्ड ने सोमवार को एक खास बैठक के बाद इसकी घोषणा की। वाडा ने रूस से डोपिंग को लेकर गलत आंकड़े मिलने के बाद पहले ही चार साल के प्रतिबंध की सिफारिश की थी।
वाडा के प्रवक्ता जेम्स फिट्जगेराल्ड ने कहा, ''सिफारिशों की पूरी लिस्ट सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गई है।' वाडा कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया कि रूसी डोपिंगरोधी एजेंसी ने चार साल तक नियमों का पालन नहीं किया। इस फैसले का मतलब होगा कि रूसी खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर भाग ले सकते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जबकि वे ये साबित करेंगे कि वे डोपिंग की उस व्यवस्था का हिस्सा नहीं थे जिसे वाडा सरकार प्रायोजित मानता है।
फिट्जगेराल्ड ने कहा, 'उन्हें यह साबित करना होगा कि वे रूसी डोपिंग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे जैसा कि मैकलारेन रिपोर्ट में कहा गया है या उनके नमूनों में हेराफेरी नहीं की गई थी।' मैकलारेन रिपोर्ट 2016 में जारी की गई थी जिसमें रूस में खासकर 2011 से 2015 तक सरकार प्रायोजित डोपिंग का खुलासा किया गया था।
रूस के खिलाड़ियों की गलत डोपिंग रिपोर्ट वाडा को भेजी गई थी और इसमें रूस की सरकारी खेल समितियों की सहमति थी। इसके बाद से दुनिया के खेल जगत में ये विवाद गरमा गया था। इस रिपोर्ट के बाद 2014 में रूस के ओलंपिक प्रदर्शन पर भी सवाल उठने लगे थे।