नई दिल्ली
Vodafone Idea Loss: दूरसंचार कंपनियों का संकट गहरा गया है। सरकार की देनदारियों के लिए भारी खर्च के प्रावधान के चलते वोडाफोन-आइडिया ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है। एयरटेल को भी 23,045 करोड़ का नुकसान हुआ है।
कंपनी ने गुरुवार को कहा कि वह न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रही है। कंपनी ने यह भी कहा है कि उसका कारोबार चल पाना सरकार की ओर से राहत और कानूनी मसलों के सकारात्मक समाधान पर निर्भर करेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा एजीआर पर न्यायालय के फैसले का दूरसंचार उद्योग की वित्तीय स्थिति पर बड़े प्रभाव पड़ेंगे।
सितंबर तिमाही में कंपनी ने 50,921 करोड़ का घाटा दिखाया है। पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आय 42 प्रतिशत बढ़कर 11,146.4 करोड़ रुपये रही है। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद कंपनी को सरकारी देनदारियों के लिए 44,150 करोड़ चुकाने होंगे।
कंपनियों पर 1.4 लाख करोड़ की देनदारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर सरकार की कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये की पुरानी सांविधिक देनदारी बनती है। इसके चलते पूरे दूरसंचार उद्योग में घबराहट का माहौल है। रिलायंस जियो के बाजार में प्रवेश करने के बाद से दूरसंचार कंपनियां वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं और उन पर अरबों डॉलर का कर्ज बकाया है। न्यायालय ने एजीआर की सरकार द्वारा तय परिभाषा को सही माना था
एयरटेल को 23,045 करोड़ रुपये का नुकसान
एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। कंपनी समायोजित सकल आय (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का असर पड़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी की शुद्ध आय 119 करोड़ रुपये थी। हालांकि कंपनी का कहना है कि इन आंकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि उसने एकाउंटिंग के लिए नई प्रणाली को अपनाया है।