प्रयागराज
प्रयागराज को फिर से आईएएस तैयार करने की फैक्ट्री बनाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी उम्मीदें अभी जिंदा हैं, बस जरूरत है इसके लिए संयुक्त रूप से प्रयास की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों, यहां के छोटे-बड़े कोचिंग संस्थानों के साथ ही सिविल सेवा के लिए चयनित हो चुके यहां के छात्रों को मिलकर कोशिश करनी होगी। प्रयागराज के प्रबुद्धजनों को भी आगे आना होगा। इतिहास के विशेषज्ञ शशांक शेखर कहते हैं कि दिल्ली की कोई भी बड़ी कोचिंग ले लीजिए, वहां पढ़ाने वाले ज्यादातर शिक्षक या तो प्रयागराज के हैं या यहां के पढ़े हुए हैं। यह शिक्षक प्रयागराज की कोचिंग में इसलिए नहीं पढ़ाते क्योंकि यहां उन्हें उतना पैसा नहीं मिलता है, जितना दिल्ली में मिल जाता है। यहां छात्र दिल्ली जितनी फीस देने के लिए तैयार नहीं होते।
शशांक शेखर ने कहा कि एक दूसरा प्वॉइंट यह भी है कि यहां छात्रनेताओं के दबाव में फीस या तो कम करनी पड़ती है या माफ करनी होती है। दिल्ली में ऐसा नहीं होता है। तैयारी के लिए प्रतियोगी छात्रों के दिल्ली जाने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है। बकौल शशांक जिला प्रशासन कोचिंग संचालकों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराए, छात्रों से दिल्ली की कोचिंग के अनुपात में पर्याप्त फीस मिले तो यहां के छात्रों को दिल्ली जाने की जरूरत ही नहीं होगी।
शिक्षा के स्तर में हो सुधार
इविवि में शिक्षकों के रिक्त 500 से अधिक पदों पर योग्य शिक्षकों की नियुक्ति *की जाए, जिससे शैक्षिक स्तर में सुधार आए। नए शिक्षक नई ऊर्जा और सोच के साथ छात्रों का मागदर्शन *कर उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयार करें।
पाठ्यक्रम में हो बदलाव
इविवि के पुराने पाठ्यक्रम में बदलाव कर इसे सिविल सेवा प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के समतुल्य किया जाए ताकि स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त सामग्री मिल जाए।
हॉस्टलों की व्यवस्था में हो सुधार
इविवि के हॉस्टल की व्यवस्था सुधारनी होगी। कोर्सवाइज आवंटन की नई व्यवस्था को समाप्त कर पुरानी व्यवस्था के तहत प्रवेश करना होगा ताकि नए छात्रों को पुराने छात्रों का मार्गदर्शन मिल सके। हॉस्टलों में पढ़ाई को लेकर प्रतिस्पर्धा का माहौल बने, ग्रुप स्टडी की जाए।
बदलना होगा तैयारी का तरीका
प्रतियोगी छात्रों को अब तैयारी के पुराने तरीके को बदलते हुए सीसैट के मुताबिक तैयारी करनी होगी। क्योंकि सिविल सेवा में अब किताबी ज्ञान से ज्यादा व्यावहारिक ज्ञान और विषय के बारे में प्रतियोगी की समझ और पकड़ को परखने का प्रयास किया जाता है।
संयुक्त प्रयास से अनुकूल होगा माहौल
पूर्व आईएएस अफसर आरएस वर्मा कहते हैं कि इविवि के शिक्षा के स्तर में आई गिरावट, हॉस्टलों में बढ़ी अराजकता, जैसे कई और कारण हैं, जिसकी वजह से प्रतियोगी छात्रों के लिए प्रयागराज का वातावरण अनुकूल नहीं रहा। इसे उनके अनुकूल सबके प्रयास से ही बनाया जा सकता है। इविवि की इसमें अहम भूमिका होगी।
चयनित अफसरों का मिले सहयोग
हालिया वर्षों में इविवि से जुड़े जो छात्र सिविल सेवा में चयनित हुए हैं। उन्हें आगे आकर यहां के छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए परीक्षा खास तौर से सिविल सेवा को लेकर उपजे भ्रम को दूर करते हुए हतोत्साहित हो चुके हिन्दी पट्टी के छात्रों का मनोबल बढ़ाने की दिशा में प्रयास करना होगा। हाल के वर्षों में कुछ चयनित अफसरों ने ऐसा किया भी लेकिन नियोजित ढंग से न होने से इसका बहुत लाभ नहीं दिख सका।