देश

UP : कमिश्नरी व्यवस्था में बदल जाएगी कलेक्ट्रेट की तस्वीर 

 लखनऊ 
पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने के बाद जिला मुख्यालय यानी कलेक्ट्रेट की तस्वीर बदल जाएगी। शस्त्र लाइसेंस समेत मजिस्ट्रेट की शक्ति वाले कई कार्य डीएम और उनकी टीम के पास से हट जाएंगे।

प्रशासन ने जुड़े अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में कलेक्ट्रेट विकास की योजनाओं का केन्द्र बन जाएगा। धरना-प्रदर्शन, शस्त्र लाइसेंस, शांति भंग की सुनवाई समेत कई जिम्मेदारियां हट जाने के बाद प्रशासनिक अफसरों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में ज्यादा समय मिलेगा। फिलवक्त एसीएम, एसडीएम से लेकर एडीएम और फिर मुखिया डीएम की दिनचर्या में अधिकांश समय इन मामलों को देखने, सुनवाई करने और निर्णय सुनाने में खप जा रहा है। मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल आईजीआरएस से जुड़ी समस्याओं का समय से निराकरण करना भी आसान होगा।

ट्रैफिक प्रबंधन सुधार में आएगी तेजी
जिले का केन्द्र पुलिस कमिश्नरी बन जाने के बाद ट्रैफिक व्यवस्था में भी तेजी से सुधार होगा। एक पूर्व ट्रैफिक इंस्पेक्टर के अनुसार पुलिस अधिकारी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के सुझाव को समझते हुए त्वरित फैसले ले सकेंगे। अभी कई बार ट्रैफिक सुधार की चिट्ठियां दो विभागों के बीच रह जाती हैं। खासतौर पर जब लखनऊ को इंटीग्रेटेड ट्रैफिक प्रबंधन व्यवस्था से जोड़ा जाना है।

क्या आएगा अंतर
मौजूदा समय भारतीय पुलिस अधिनियम में जिलाधिकारी को शक्ति मिली हुई है। अधिनियम के भाग चार के तहत डीएम को पुलिस पर नियंत्रण के कुछ अधिकार होते हैं। यानी पुलिस अधिकारी कोई भी निर्णय स्वतंत्र रूप से नहीं ले सकता। लाठी चार्ज जैसे निर्णय भी मजिस्ट्रेट ही लेते हैं। आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम या मंडल कमिश्नर या फिर शासन के आदेश तहत ही पुलिस अफसर कार्य करते हैं। कमिश्नर सिस्टम में डीएम और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार पुलिस को मिल जाएंगे।

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment