अध्यात्म देश मध्य प्रदेश

जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनेगा, तब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बनेगा

murlidhar maharaj

राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में श्रीराम कथा कहने आए राष्ट्र संत मुरलीधर महाराज ने कहा-
Unless a population control law is made, India will not become a Hindu nation: भोपाल. मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में धार्मिक स्थलों पर बना रहे कॉरिडोर को लेकर राष्ट्र संत मुरलीधर महाराज ने कहा कि यह देश के सनातनियों के लिए अच्छा नहीं है। धर्म आस्था का केंद्र है, उसे पर्यटक का क्षेत्र नहीं बनाना चाहिए।

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर कहा कि इससे सिर्फ अयोध्या का विकास होगा, उसमें जो भाव रहते हैं उसी भाव से लोग दर्शन करें यह प्रमुख है। धार्मिक स्थलों को उनके मूल स्वभाव में ही रहने दिया जाए। धार्मिक स्थलों का विस्तार कर, कारीडोर बनाकर उनका मूल अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। वृृंदावन में कारीडोर बनाए जाने को लेकर कहा कि नई पीढ़ी को कैसे पता चलेगा कि कुंज की गलियां कैसी होंगी? काशी की गलियां कैसी होंगी।

धार्मिक स्थलों को उनके मूल स्वभाव में ही रहने दिया जाए। धार्मिक स्थलों का विस्तार कर, कारीडोर बनाकर उनका मूल अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। हिन्दू राष्ट्र को लेकर कहा-जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनेगा, तब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता। देश की बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। सख्ती से पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए।

महाराज ने कहा कि आस्था के केंद्रों को भोग का केंद्र नहीं बनाना चाहिए। आज काशी, मथुरा-वृदावन, काशी सहित अन्य धार्मिक स्थल ईश्वर की भक्ति का स्थान हैं, उन्हें पर्यटन स्थलों का रूप नहीं दिया जाना चाहिए। यह बात भेल दशहरा मैदान पर श्रीराम कथा करने आए प्रसिद्ध संत मुरलीधर महाराज ने कही। उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिए।

धार्मिक स्थलों पर कारीडोर बन रहे हैं, क्या यह सही है?
भगवान के मंदिर बने हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन मेरे ख्याल से धार्मिक स्थलों का मूल रूप नहीं खोना चाहिए। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीरामलाल की प्राण प्रतिष्ठा है। देश-विदेश से लोग आएंगे। जब पर्यटन स्थल बन जाएगा तो श्रीराम भक्ति कम होगी। धार्मिक स्थलों को उनके मूल स्वभाव में ही रहने दिया जाए। धार्मिक स्थलों का विस्तार कर, कारीडोर बनाकर उनका मूल अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। वृृंदावन में कारीडोर बनाए जाने को लेकर कहा कि नई पीढ़ी को कैसे पता चलेगा कि कुंज की गलियां कैसी होंगी? काशी की गलियां कैसी थीं?।

कुछ संत पर्ची निकाल कर चमत्कार कर रहे हैं, इसे आप कैसे देखते हैं?
आजकल लोग अपनों से दूर रह रहे हैं। भेड़चाल चल रहे हैं। ऐसे में कभी किसी को परेशानी होती है तो वे लोग चमत्कार पर विश्वास करने लगते हैं। मैं किसी साधु-संत का विरोध तो नहीं करूंगा। इतना जरूर कहूंगा कि कर्म करते चलो और फल की चिंता मत करो। ईश्वर सदा आपके साथ खड़ा रहेगा।

बीते कुछ वर्षों से आपने श्रीराम कथाएं करना कम कर दिया, ऐसा क्यों?
देश के अलग-अलग शहरों में श्रीराम कथाएं सुनाईं। विदेश में कथा करने गया। इस दौरान देखा कि भारतीय संस्कृति से लोग दूर होते जा रहे हैं। महिलाओं का पहनावा काफी हद तक बदला है। लोग सुन ही नहीं रहे हैं, इसलिए ऐसा विचार आया कि कथाएं कम करके ईश्वर का स्वयं ही भजन करो। आगामी पांच वर्षों तक कथाएं करूंगा फिर जोधपुर आश्रम में भगवान श्रीराम की भक्ति में समय बिताऊंगा।

आप अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, खुद ही अपने वस्त्र धोते हैं?
यह बिल्कुल सही है। स्वयं अपना भोजन बनाता हूं। अपने वस्त्र भी खुद ही धोता हूं। दरअसल पहले साधु-संत अपना भोजन खुद ही बनाते थे। प्रभु की भक्ति करके भोजन बनाते थे। लोग अलग-अलग भाव से भोजन बनाते हैं। किसी का भाव सही तो किसी का गलत भी होता है, इसलिए तय किया कि खुद ही अपने हाथों से भोजना पकाकर ग्रहण करूंगा। वस्त्र भी खुद ही धोकर धारण करूंगा।

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